भाजपा नेता सुनील दर्शन को कोर्ट ने भेजा जेल

20 साल पूर्व रामनवमी पर बकरा मार्किट पर हुए झगड़े में जारी थे एनबीडब्ल्यू, कोर्ट ने दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

Update: 2022-11-22 10:11 GMT

मुजफ्फरनगर। 20 साल पहले रामनवमी के जुलूस के दौरान दो पक्षों के बीच हुए झगड़े के मामले में चल रहे मुकदमे में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद कोर्ट में पेश हुए भाजपा नेता सुनील दर्शन को न्यायाधीश ने दो दिन की न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश देते हुए जेल भेज दिया। इस खबर से अचानक ही सनसनी मच गई। भाजपा नेता को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद हिरासत में लेकर जिला कारागार भेज दिया है। मामले में दो दिन के बाद पेशी होगी।

सूत्रों के अनुसार वर्ष 2002 के 20 साल पुराने एक मामले में भारतीय जनता पार्टी के जिला मंत्री सुनील दर्शन को आज कोर्ट ने पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश देते हुए जेल भेज दिया। बताया गया कि वर्ष 2002 में दशहरे के अवसर पर राम नवमी पर शहर में निकाली जा रही श्रीराम शोभायात्रा जब शहर के संवेदनशील क्षेत्र बकरा मार्केट पर स्थित मस्जिद के सामने पहुंची तो यहां पर दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे, जिसके बाद जमकर संघर्ष हुआ था। पुलिस ने इस झगड़े को लेकर दोनों पक्षों के लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 341, 427 और 353 के तहत अभियोग पंजीकृत करते हुए कार्यवाही की थी। इसी मामले में कोर्ट में पेश नहीं होने पर न्यायालय ने आरोपी भाजपा नेता सुनील दर्शन के दूसरे आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये थे। बताया गया कि यह मामला सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के द्वारा जारी वारंट पर मंगलवार को भाजपा जिला मंत्री सुनील दर्शन वारंट रिकॉल कराने के लिए अपने अधिवक्ता के साथ पेशी पर पहुंचे, बताया गया कि कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उनको दो दिन की न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश जारी किया, इसके बाद उनको जेल जाना पड़ा है। बताया गया कि इससे पहले भी सुनील दर्शन कवाल दंगे के मामले में जेल जा चुके हैं। भाजपा नेता को जेल भेजने की खबर चलने पर जिले में एक बार फिर सनसनी मची नजर आई। इससे पहले कवाल कांड से जुड़े एक मामले में भाजपा विधायक विक्रम सैनी को दो साल कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई जा चुकी है। इस सजा के कारण ही उनकी विधायकी चली गई और अब दूसरे भाजपा नेता को न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने पर सियासी स्तर पर भी हलचल नजर आई।

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