किसानों हितों को लेकर रालोद ने घेरा कलेक्ट्रेट

Update: 2020-09-24 07:33 GMT

मुजफ्फरनगर। केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी नीतियों को अपनाते हुए किसानों को बर्बाद करने के आरोप लगाकर राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने आज कलेक्ट्रेट का घेराव करते हुए डीएम कार्यालय पर धरना दिया। रालोद नेताओं ने कृषि बिलों को किसानों को बर्बादी की कगार पर लाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर इनको निरस्त कराने की मांग भी की।


गुरूवार को रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी के नेतृत्व में पार्टी नेता और कार्यकर्ता किसानों हितों की रक्षा की आवाज उठाते हुए जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया। यहां रालोद नेताओं ने आरोप लगाये कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में किसान बर्बादी तक पहुंच रहा है। प्रदर्शन के उपरांत रालोद नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह को सौंपा।

इसमें रालोद नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में कृकृषि सम्बन्धित 3 विधेयको को संसद के दोनों सदनों में पारित कराया गया है जोकि पूर्णतया खेती किसानी को बर्बाद करने वाले हैं और भारत की खेती की ढांचागत संरचना के विरु( है। किसान, जो पहले से ही आर्थिक तंगी में है उसे भुखमरी के कगार पर ला देंगे। अतः जनहित में इन तीनों कानूनों को रद्द कर केन्द्र सरकार द्वारा इन पर सभी पक्षों से बातचीत कर पुनर्विचार का आदेश करें। रालोद नेताओं ने गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान नहीं किये जाने पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार भी किसानों के हितों का ढिंढोरा पीटने में तो आगे है, लेकिन उनकी समस्याओं के निस्तारण और भुगतान पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से अजीत राठी, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान, ब्रह्मसिंह बालियान, चै. मुश्ताक, अशोक बालियान, ओमकार सिंह, गजेन्द्र बालियान, धर्मेन्द्र तोमर, अभिषेक चौधरी, सुधीर भारतीय, चौ. योगराज सिंह, विनोद कुमार, ओमकार बालियान, उदयवीर सिंह, समद खान, पंकज राठी आदि सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। 

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