MUZAFFARNAGAR-रुड़की रोड से भी लिगेसी वेस्ट हटवायेगी पालिका

नीदरलैंड की कंपनी करेगी 5 लाख क्यूबिक मीटर में फैले लीगेसी वेस्ट का निस्तारण, एनजीटी को रिपोर्ट भेजने की तैयारी

Update: 2024-11-08 11:24 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुके करीब 5 लाख क्यूबिक मीटर एरिया में फैले लिगेसी वेस्ट का निस्तारण अब अगले चंद महीनों में हो जायेगा। इसके लिए पालिका ने नीदरलैंड से आई कंपनी के सहयोग से फुल पु्रफ प्लान बना लिया है। पालिका किदवईनगर में बंद एटूजेड सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिगेसी वेस्ट के लिए एनजीटी से 68 लाख रुपये का जुर्माना झेल रही है। इसी को देखते हुए पालिका प्रशासन ने कंपनी के साथ मिलकर अब किदवईनगर प्लांट के साथ ही रुड़की रोड पर स्थित लिगेसी वेस्ट का निस्तारण करते हुए इसकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजने की तैयारी की है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इस भयंकर समस्या का निस्तारण कराने में पालिका को एक रुपया भी खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। नीदरलैंड की कंपनी अपने खर्च पर यह कार्य करने जा रही है, जो पालिका प्रशासन की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर भी देखा जा रहा है। पालिका की अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने इसके लिए पालिका स्तर पर तैयारी प्रारम्भ करा दी है।

नगरपालिका परिषद् के द्वारा पूर्व में रुड़की रोड स्थित पुलिस चौकी के पास अपनी भूमि को डम्पिंग ग्राउंड बनाया गया था। करीब डेढ़ दशक पूर्व तक शहर से निकलने वाला कूड़ा-करकट इसी डंम्पिंग ग्राउंड पर निस्तारित किया जा रहा था। यहां पर आबादी विकसित होने और किदवईनगर में एटूजेड सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित होने के बाद शहर से निकलने वाला कूड़ा-करकट प्लांट पर जाने लगा, लेकिन रुड़की रोड के डम्पिंग ग्राउंड पर पड़े कूड़े का निस्तारण कभी नहीं कराया गया। यहां पर यह लिगेसी वेस्ट प्रदूषण का केन्द्र बन गया। पूर्व में यहां लिगेसी वेस्ट का कुछ हिस्सा हटाकर पालिका प्रशासन के द्वारा मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर ;एमआरएफद्ध का निर्माण कराया गया, लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर लिगेसी वेस्ट एक बड़े एरिया में होने के कारण शहर की सुन्दरता को ग्रहण तो लगा ही रहा है, साथ ही बीमारियों और प्रदूषण का भी केन्द्र बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर एटूजेड प्लांट बंद होने के बाद से ही वहां पर पड़ा लिगेसी वेस्ट पालिका के सिरदर्द का बड़ा कारण बना हुआ है। इसके खिलाफ फरहा खान द्वारा एनजीटी में दायर केस पालिका के लिए नित्य नई परेशानियों का सबब बना हुआ है। पिछले दिनों ही लिगेसी वेस्ट का निस्तारण नहीं कराये जाने को लेकर एनजीटी द्वारा पालिका पर 68 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ऐसे में पालिका जल्द से जल्द लिगेसी वेस्ट का निस्तारण कराने की तैयारी कर रही है।

पालिका प्रशासन ने अब किदवईनगर के साथ ही रुड़की रोड के लिगेसी वेस्ट को भी अपने प्लान मं शामिल किया है। इसके निस्तारण के लिए पालिका प्रशासन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए यहां काम कर रही नीदरलैंड की कंपनी जीसी इंटरनेशनल के साथ मिलकर कार्य कर रही है। पालिका द्वारा किदवईनगर प्लांट के लिगेसी वेस्ट के मेजरमेंट के लिए एरियल सर्वे भी कराया है। सहायक अभियंता निर्माण अखण्ड प्रताप सिंह के अनुसार सर्वे में जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार किदवईनगर प्लांट पर 4.74 क्यूबिक मीटर एरिया में लिगेसी वेस्ट पाया गया है। इसका रियल लेवल ड्रेन से एक मीटर नीचे और 4.8 मीटर हाइट में लिया गया है। उन्होंने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर प्लांट पर करीब 4 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट होने की संभावना है। जबकि नीदरलैंड की कंपनी जीसी आईएनटी सॉल्यूशंस प्रा.लि. के डायरेक्टर सि(ार्थ शिवारमन के अनुसार कंपनी द्वारा कराये गये सर्वे में करीब 5.80 क्यूबिक मीटर एरिया में लिगेसी वेस्ट है, जिसकी हाइट 5 मीटर से ज्यादा है। कंपनी ने ड्रेन से चार मीटर नीचे तक लिगेसी वेस्ट की संभावना व्यक्त की है। कंपनी का आकलन है कि प्लांट पर करीब 55 से 60 हजार स्क्वायर मीटर एरिया में लिगेसी वेस्ट फैला हुआ है। कंपनी पालिका के साथ मिलकर इसके निस्तारण के लिए तैयारी कर रही है।

ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के मार्गदर्शन में हम नीदरलैंड की कंपनी के साथ मिलकर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में हमारा प्रयास सबसे पहले शहर को लिगेसी वेस्ट की समस्या से मुक्त करना है। यह अत्यंत गंभीर पहलू है, क्योंकि इससे प्रदूषण की संभावना को देखते हुए एनजीटी में लगातार पालिका के खिलाफ कार्यवाही हो रही है। एनजीटी में हमें आगामी दिनों में लिगेसी वेस्ट का मेजरमेंट भी प्रस्तुत करना है, इसके लिए ही एरियल सर्वे कराया गया है। इसमें करीब 4 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट होने की संभावना जताई गई है, जबकि पूर्व में निदेशालय और एनजीटी में भेजी गई रिपोर्ट और जानकारी में यह 7 से 8 लाख मीट्रिक टन बताया गया है, जिसका कोई आधार भी प्रस्तुत नहीं किया गया। सर्वे कराने का उद्देश्य यही था कि एक टैक्निकल मेजरमेंट हमारे पास उपलब्ध हो सके। अब हम इस रिपोर्ट को एनजीटी में दाखिल करने जा रहे हैं। इसके साथ ही हम रुड़की रोड के लिगेसी वेस्ट को भी हटवाने का काम करेंगे। कंपनी निःशुल्क रूप से लिगेसी वेस्ट का निस्तारण पालिका के साथ करने को तैयार है, एक एक बड़ा अवसर है, जो हम हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं। 

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