संत रविदास जयंती पर हुआ सियासी समागम, प्रियंका और अखिलेश भी पहुंचे

धर्मेन्द्र प्रधान और प्रियंका गांधी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी संत रविदास मंदिर पहुंचे। उन्होंने वहां पूजा की।;

Update: 2021-02-27 10:15 GMT

वाराणसी । संत रविदास की 644वीं जयंती पर उनके जन्मस्थान वाराणसी में आज धर्म और राजनीति का संगम हो रहा है। प्रियंका और अखिलेश समेत कई सियासी नेता चुनावी माहौल में वहां पहुंचे। संत निरंजन दास निसान साहब के आरोहण से सुबह आठ बजे कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। जयंती उत्सव के लिए तैयार विशाल मंच पर स्वर्ण पालकी में अमृतवाणी को प्रतिष्ठित किया गया। इस मौके पर देश के विभिन्न प्रांतों से भक्त और संत प्रतिनिधि जुटे हैं। कई राजनीतिक हस्तियां भी कार्यक्रम में पहुंच रही हैं।

संत रविदास मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने वहां लंगर चखा। प्रियंका गाधी ने सभा स्थल में अपने संबोधन में कहा कि रविदास ने सच्चे धर्म की स्थापना की। सच्चे धर्म में राजनीति नहीं होती। वह लोगों में प्रेम का संदेश देता है। सेवा का भाव जाग्रत करता है। आपस में जोड़ता है। प्रियंका गांधी ने रविदास मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद वह मुख्य मंच पर पहुंची। संत रविदास जयंती के मौके पर जन्मस्थान मंदिर पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा का स्वागत मुख्य द्वार पर ट्रस्ट की तरफ से किया गया। प्रियंका ने संत रविदास की प्रतिमा के सामने मत्था टेकते हुए आशीर्वाद मांगा। इसके बाद मंदिर में संत निरंजन दास से आशीर्वाद लिया। संत निरंजन दास ने कुशल क्षेम पूछते हुए प्रियंका से लंगर छकने के लिए पूछा तो प्रियंका ने कहा कि अभी पानी पी लूंगी। प्रियंका ने संत निरंजन दास से पूछा आपने प्रसाद ले लिया है तो उन्होंने कहा कि अभी सत्संग पंडाल जाना है। इसपर प्रियंका ने कहा कि उधर से लौटते समय प्रसाद ले लूंगी।

धर्मेन्द्र प्रधान और प्रियंका गांधी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी संत रविदास मंदिर पहुंचे। उन्होंने वहां पूजा की। संत रविदास जयंती में शामिल होने आए भीम आदमी के चंद्रशेखर रावण ने कहा कि जब तक बेगमपुरा का सपना साकार नहीं होता तब तक हम संत रविदास के सच्चे सपूत नहीं।

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