भगवान महावीर को नहीं उनके सि(ांत मानने से होगा कल्याणः नयन सागर

जागृति संत आचार्य 108 नयन सागर मुनिराज ने गुरू के प्रति श्र(ावान रहने की दी सीख

Update: 2024-07-06 09:17 GMT

मुजफ्फरनगर। श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर मुनीम कालोनी में शनिवार को परम पूज्य तपोनिधि जागृतिकारी संत आचार्य 108 श्री नयन सागर जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि बिन जाने किसी भी बात के लिए हम अपने मन में किसी के लिए भी गलत धारणाएं न बनायें।

मुनिराज ने अपने प्रवचन में कहा कि सम्यक दृष्टि जीव का स्वभाव बहुत ही विनम्र होता है। हम आत्म चिंतन करके अपने कर्मों की निर्जरा करें। हम दूसरों को सुधारने की कोशिश में जितना समय ओर श्रम लगाते हैं। उतना परिश्रम स्वयं के लिए कर लंे तो जीवन के सच्चे मार्ग पर चलते हुए जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। भगवान महावीर स्वामी को तो सभी मानते हैं, परंतु भगवान महावीर स्वामी के सि(ांतों को मानने में कंजूसी करते हैं। इसीलिए संसार की निरंतर यात्रा जारी है। अध्यात्म के नियमों को जीवन में अंगीकार कर देव शास्त्र गुरु के प्रति श्र(ावान बनें, यही हमें मोक्ष मार्ग की ओर ले जाने में सहायक बनेगा

इस दौरान डा. जय कुमार जैन, सुनील जैन नावला वाले, जितेन्द्र जैन टोनी, मनोज जैन एलजी, सतीश जैन सीए, विप्लव जैन, रोहित जैन अप्पू, सतपाल जैन, रविन्द्र जैन वहलना, पुनीत जैन,संजय जैन एलुमिनियम, विपिन जैन, अखलेश जैन, प्रेमचंद जैन, विकास जैन, अजय जैन, सुनील जैन टिकरी वाले, अरविंद जैन, नीरज जैन कवाल वाले, नितिन जैन, नितेश जैन, अनुज जैन, रूपल जैन, अभय जैन जानसठ रोड, अरुण जैन बरला वाले एवं अन्य क्षेत्रों से धर्मबंधु प्रवचन में उपस्थित रहे।

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