गोरखपुर जिले में इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट को पूरी तरह पारदर्शी बनाने की तैयारी चल रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए संभावित डुप्लीकेट वोटरों की पहचान शुरू की है। अब किसी भी मतदाता का नाम सिर्फ उसी ग्राम पंचायत की सूची में रहेगा, जहां वह वास्तव में निवास करता है।
5.16 लाख वोटरों पर जांच की नजर
गोरखपुर जिले के 29.5 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से करीब 5.16 लाख नाम संदिग्ध पाए गए हैं, जिन्हें डुप्लीकेट माना जा रहा है। इनका सत्यापन ग्राम स्तर पर शुरू हो चुका है। जांच प्रक्रिया में मतदाताओं के नाम, पिता का नाम, उम्र और लिंग जैसी जानकारी मिलान के आधार पर की जा रही है।
आधार के अंतिम अंक से होगी पहचान
सत्यापन के दौरान मतदाताओं के आधार कार्ड के अंतिम चार अंक भी दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे यदि किसी का नाम दो स्थानों पर है तो तुरंत उसकी पहचान हो सकेगी। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर एक से अधिक जगह नाम दर्ज कराता पाया गया, तो उसका अतिरिक्त नाम हटा दिया जाएगा।
चुनाव से पहले सूची अपडेट
निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि जो लोग अनुचित तरीके से अपने समर्थकों के नाम दोहराकर वोटिंग पर असर डालने की कोशिश कर रहे हैं, उनके नाम काट दिए जाएंगे। पंचायत चुनाव से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी ताकि फाइनल वोटर लिस्ट निष्पक्ष और त्रुटि-रहित हो।
जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी जेएन मौर्य ने बताया कि आयोग से प्राप्त सूची के आधार पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। उनका कहना है कि इस पहल से आगामी पंचायत चुनाव और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनेंगे।






