Home » Uttar Pradesh » अब शिक्षक जानेंगे बच्चों के मन की बात, स्वास्थ्य विभाग ने दिया प्रशिक्षण

अब शिक्षक जानेंगे बच्चों के मन की बात, स्वास्थ्य विभाग ने दिया प्रशिक्षण

मुजफ्फरनगर। इंसान के पहले शिक्षक उसके माता-पिता होते है और दूसरा शिक्षक, जो उसे अक्षर का ज्ञान कराता है। गुरु का मार्गदर्शन ही इंसान को सफलता की ओर ले जाता है, लेकिन अब गुरु शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य को लेकर भी मार्गदर्शन करेंगे। दरअसल गुरुवार को जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शिक्षकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षकों को उनकी कक्षाओं में ऐसे बच्चों तक पहुंच बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई जो किसी भी कारण से या तो अवसाद में है या फिर नशे व आत्महत्या जैसे दुस्प्रभावों के इर्द-गिर्द घूम रहे है। कार्यक्रम का शुभारंभ क्लिनिकल फिजिक्लोजिस्ट अंशिका मलिक और संचालन साईकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार ने करते हुए मानसिक रोगों पर प्रकाश डाला। इस दौरान मनोचिकित्सक डा. अर्पण जैन, साईकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार, कम्यूनिटी नर्स कपिल आत्रेय व शिक्षक मौजूद रहे।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को मानसिक रोगों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है और उनकी कक्षाओं में ऐसे बच्चों तक पहुंच बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई जो किसी भी कारण से या तो अवसाद में है या फिर नशे व आत्महत्या जैसे दुस्प्रभावों के इर्द-गिर्द घूम रहे है। ऐसे बच्चों को ढूंढकर उनकी काउंसलिंग की जाएगी और आवश्यकता अनुसार इलाज किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षक 9-10 कक्षाओं के प्रत्येक सेक्शन में मनदूत-लड़का, मनपरी-लड़की बनाएंगे। मनदूत-मनपरी ऐसे बच्चों से बात करेंगे, जो शिक्षक से अपने मन की बात नहीं कह पाते, उनको खोजकर शिक्षक को बताएंगे ताकि जिला अस्पताल के मन कक्ष में उनकी काउंसलिंग की जा सके। कुल 20 मनदूत-मनपरी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। नोडल अधिकारी डा. प्रशांत कुमार ने बताया कि आजकल युवा अपनी पढ़ाई व भविष्य को लेकर चिंतित रहते है, जिसके कारण वह अवसाद में चले जाते है, ऐसे में समय-समय पर उनकी काउंसलिंग होना बेहद जरुरी है। मनोचिकित्सक डा. अर्पण जैन ने बताया कि लोग मानसिक बीमारियों को अलग बीमारी समझते हैं जबकि मानसिक बीमारी एक शारीरिक बीमारी होती है जैसे कई प्रकार की बीमारी का इलाज होता है वैसे ही मानसिक बीमारी के लिए भी एक्सपर्ट बैठे हैं, इसकी जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। जिला अस्पताल में निशुल्क इस बीमारी का इलाज है। तनाव सुसाइड का विचार डिप्रेशन एक रोग है तो इनका उपचार भी है। प्रत्येक सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को मन कक्ष में ओपीडी की जाती है, जिसमें मानसिक रोगी की काउंसलिंग भी की जाती है।

साईकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार ने बताया कि माता-पिता के बाद बच्चे से सबसे ज्यादा शिक्षक ही परिचित होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए आज शिक्षकों को बताया गया कि 9-10 कक्षाओं के प्रत्येक सेक्शन में मनदूत-मनपरी बनाए जाएं। डा. मनोज ने बताया कि कक्षा में मनदूत-मनपरी ऐसे बच्चों से बात करेंगे, जो शिक्षक से अपने मन की बात नहीं कह पाते, उनको खोजकर शिक्षक को बताएंगे ताकि जिला अस्पताल के मन कक्ष में उनकी काउंसलिंग की जा सके और आवश्यकतानुसार उनका इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 24 विद्यालयों का चयन किया जाता है और उनके शिक्षकों को मानसिक रोगों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा समय-समय पर बच्चों को मानसिक रोगों के बारे में जागरुक भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक रोगों के बारे में जागरुकता लाना, अवसाद के शिकार लोगों में उम्मीद की किरण जगाना, नजरिया बदलना कुल मिलाकर बेशकीमती जीवन को बचाना है।

Also Read This

आत्मदाह प्रकरण-उज्जवल को न्याय की मांग पर छात्रों ने घेरा पुलिस कार्यालय, जताया आक्रोश

आत्मदाह प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर छात्रों और भाकियू अराजनैतिक के नेताओं ने किया प्रदर्शन

Read More »

भेड़िये का आतंक…घर के बाहर खेलती मासूम को उठा ले गया

लखनऊ- बहराइच में भेड़िये ने फिर से हमला कर दिया। तीन साल की मासूम घर के बाहर खेल रही थी कि भेड़िया आया और उसे उठा ले गया। मासूम की तलाश जारी है। बहराइच जिले में एक बार फिर भेड़िये का आतंक बृहस्पतिवार को देखने को मिला। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के गोडहिया नंबर-3, नया लोधन पुरवा गांव में सुबह करीब 10:30 बजे के आसपास भेड़िये ने हमला कर दिया। इस बार उसका निशाना तीन साल की मासूम जाह्नवी पुत्री संतोष बनी। बच्ची अपने घर के सामने धूप में खेल रही थी तभी अचानक भेड़िया आया और उसे उठा ले गया।घटना से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने शोर

Read More »

गन्ना वाहनों की ओवरलोडिंग पर सख्त हुआ प्रशासन, एसपी ने बैठक कर दिए सख्त निर्देश

मुजफ्फरनगर में सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत आयोजित गोष्ठी में गन्ना प्रबंधकों व ट्रांसपोर्ट संचालकों को बताये गये नियम मुजफ्फरनगर। गन्ना सीज़न के आरंभ के साथ ही सड़कों पर ओवरलोड गन्ना ट्रॉली और ट्रकों की बढ़ती संख्या ने यातायात सुरक्षा को गंभीर चुनौती दे दी है। आए दिन ऐसे वाहनों से दुर्घटनाओं की खबरें सामने आने के बाद अब पुलिस प्रशासन ने सख्ती का रुख अपनाया है। इसी कड़ी में पुलिस अधीक्षक (यातायात) अतुल कुमार चौबे के निर्देशन में एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें गन्ना प्रबंधकों, ट्रांसपोर्ट संचालकों और पेपर मिल ट्रांसपोर्ट प्रबंधकों को सड़क सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां दी गईं और दिशा-निर्देश जारी किए गए।

Read More »

रोडवेज बसों के अवैध स्टैण्ड के खिलाफ एस.डी. पब्लिक स्कूल के बाहर अभिभावकों का हंगामा

रोजाना बसों की तेज रफ्तार से बच्चों की सुरक्षा पर संकट, अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन को दिया 10 दिन का अल्टीमेटम मुजफ्फरनगर। रेलवे स्टेशन के निकट स्थित एस.डी. पब्लिक स्कूल के जूनियर विंग के बाहर गुरुवार को अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। रोजाना रोडवेज बसों के तेज रफ्तार से गुजरने और स्कूल गेट के सामने बने अवैध बस स्टैण्ड से परेशान अभिभावकों का सब्र आखिरकार टूट गया। कई बार शिकायत करने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अभिभावक एकजुट होकर स्कूल पहुंचे और स्कूल इंचार्ज से तीखे अंदाज में बातचीत की। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से सवाल किया कि क्या वे किसी अनहोनी घटना का इंतजार कर रहे

Read More »