आरटीआई कार्यकर्ता सुमित मलिक ने कमिश्नर को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग, कहा-अभी तक जनपद में हो चुकी दर्जनों लोगों की मौत
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाने के लिए दौड़ रहे ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलों ने सड़कों को मौत का जाल बना दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता व समाजसेवी सुमित मलिक ने इस गंभीर समस्या को लेकर सहारनपुर मंडल के कमिश्नर को पत्र लिखते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हाल ही में गन्ने से भरे एक ट्रैक्टर-ट्रॉला के पलटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे इलाके में आक्रोश व्याप्त है।
सुमित मलिक ने गुरूवार को एक वीडियो भी वायरल की है। वहीं उन्होंने अपने पत्र में बताया है कि मुजफ्फरनगर जनपद में वर्ष 2025-26 के लिए शुगर मिलें चालू हो चुकी हैं। मिलों द्वारा किसानों से खरीदा गया गन्ना ट्रैक्टर-ट्रॉलों के माध्यम से क्रय केंद्रों से मिलों तक पहुँचाया जा रहा है। लेकिन अधिकांश ट्रॉलों में 400 क्विंटल से अधिक गन्ना लादकर ओवरलोडिंग की जा रही है। मलिक ने कहा कि यह न केवल सरकार के टैक्स नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आम नागरिकों की जान के लिए भी खतरा बन चुका है। सर्दी के मौसम में कोहरे और फिसलन के कारण सड़क हादसे बढ़ जाते हैं। पिछले दो वर्षों में ऐसे ही ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलों से टकराकर दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि परिवहन विभाग, गन्ना विभाग और चीनी मिलों के बीच जवाबदेही का अभाव है। विभागों के बीच केवल औपचारिक पत्राचार होता है, परंतु जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। मलिक का आरोप है कि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त वाहन स्वामी प्रशासनिक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर गन्ना विभाग द्वारा 27 अगस्त 2025 को सभी मिलों को ओवरलोड वाहन न चलाने के निर्देश जारी किए गए थे, बावजूद इसके नियमों का पालन नहीं हो रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा पिछले वर्षों में लाखों रुपये के चालान काटे गए, लेकिन ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलों पर पूर्ण प्रतिबंध आज तक लागू नहीं किया गया। 11 नवंबर 2025 को हुए हादसे में एक ट्रैक्टर-ट्रॉला पलट गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। यह घटना प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। मलिक ने कमिश्नर सहारनपुर से आग्रह किया है कि परिवहन विभाग, गन्ना विभाग और चीनी मिलों को सख्त निर्देश जारी किए जाएं ताकि ओवरलोड वाहनों पर प्रभावी रोक लग सके।






