इस्लामाबाद: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अब अपने प्राकृतिक खजानों पर विदेशी निवेश आकर्षित करने में जुटा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान ने अमेरिका की यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स (US Strategic Metals – USSM) के साथ 500 मिलियन डॉलर के निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता बलूचिस्तान समेत देश के खनिज क्षेत्र में संयुक्त खनन परियोजनाओं और रिफाइनरी विकास पर केंद्रित है।
अमेरिका के साथ नया माइनिंग डील
अमेरिका के मिसौरी स्थित यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स और पाकिस्तान की फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (FWO) के बीच यह समझौता ज्ञापन (MoU) सोमवार को हुआ। इसके तहत पाकिस्तान में एक बड़ा खनन केंद्र और पॉली-मेटैलिक रिफाइनरी स्थापित की जाएगी। यह डील पिछले महीने वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच हुए व्यापार करार के बाद हुई है, जिसने अमेरिकी कंपनियों को पाकिस्तान के खनिज और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का रास्ता दिखाया।
किन खनिजों पर रहेगा फोकस?
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, नई साझेदारी की शुरुआत पाकिस्तान से सीधे खनिज निर्यात से होगी। इनमें एंटीमनी, तांबा, सोना, टंगस्टन और दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth Elements) शामिल हैं। अमेरिकी कंपनी USSM उन्नत विनिर्माण और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक इन खनिजों के उत्पादन और रीसाइक्लिंग में विशेषज्ञता रखती है।
बलूचिस्तान में बढ़ेगा विरोध
बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान के खिलाफ अलगाववादी आंदोलन और विद्रोह का केंद्र रहा है। यहां की विशाल खनिज संपदा पर विदेशी निवेश लगातार विवाद का कारण बनती रही है। चीन पहले ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जरिए इस क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर चुका है। अब अमेरिकी करार को लेकर भी स्थानीय लोग विरोध जता रहे हैं।
#RepublicOfBalochistan on U.S.–Pakistan Agreement Over Balochistan’s Critical Minerals#BalochistanIsNotPartOfPakistan @hyrbyair_marri @VP @SecRubio @POTUS @CENTCOMUrdu @USArmy @USArmyEURAF @USNavy @CIA @StateDept
On September 8, 2025, the signing at the Prime Minister’s House… pic.twitter.com/RrLDfDXzB3— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) September 8, 2025
विदेशी कंपनियों की मौजूदगी
बलूचिस्तान की रेको डिक सोने की खदान में कनाडा की बैरिक गोल्ड कंपनी पहले से ही 50% हिस्सेदारी रखती है। वहीं पुर्तगाल की मोटा-एंगिल ग्रुप ने भी पाकिस्तान के नेशनल लॉजिस्टिक्स कॉर्प के साथ एक अलग समझौता किया है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस ताज़ा समझौते से और अधिक अमेरिकी कंपनियां पाकिस्तान के खनन क्षेत्र में निवेश के अवसर तलाशेंगी।