संयुक्त व्यापार संघ संघर्ष समिति ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, संजय राउत पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने और सदस्यता रद्द करने की मांग
मुजफ्फरनगर। संयुक्त व्यापार संघ संघर्ष समिति द्वारा कुछ राजनीतिक और गैर राजनीतिक लोगों के द्वारा दिए जा रहे देशविरोधी बयानों के विरोध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। समिति ने कुछ राजनेताओं पर सार्वजनिक मंचों से देश में अराजकता फैलाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
व्यापारियों द्वारा शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन के बाद डीएम उमेश मिश्रा से मुलाकात की। उनको सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि भारत विविधताओं से भरा एक सुंदर राष्ट्र है, जहाँ सभी धर्मों के लोग प्रेम और शांति के साथ रहते हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक नेता, विदेशी हालात का हवाला देते हुए देश में भ्रम और नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जो न केवल राष्ट्रहित के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी गंभीर खतरा है।
संघर्ष समिति ने हाल ही में संजय राउत द्वारा दिए गए एक बयान का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि “नेपाल जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती है” यह कथन देश में भय और अराजकता का वातावरण बनाने वाला है। समिति ने संजय राउत समेत ऐसे सभी जनप्रतिनिधियों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर, उनकी संसद या विधानसभा सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की मांग की है। संघ के सदस्यों का कहना है कि जब देश का हर नागरिक, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई कृ राष्ट्र के प्रति समर्पित है, तो फिर कुछ जनप्रतिनिधि किस अधिकार से देश को तोड़ने की बात कर सकते हैं? ऐसे लोगों को जनप्रतिनिधि कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। ज्ञापन सौंपने वालों में समिति के संरक्षक कृष्ण गोपाल मित्तल, अध्यक्ष संजय मिश्रा, संयोजक शलभ गुप्ता, जनार्दन विश्वकर्मा, बलविंदर सिंह, राकेश त्यागी, पवन वर्मा, विक्की चावला, नदीम, राजकुमार कालरा, गौरव सिंघल और संजय गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।






