श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर के मंच से दिया महिला सशक्तिकरण का संदेश
मुजफ्फरनगर। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर द्वारा मनाये जा रहे स्वर्ण जयंती वर्ष के अन्तर्गत 50वें रामलीला मंचन महोत्सव में गुरूवार की रात भगवान श्रीराम के वनगमन और दशरथ मरण की भावपूर्ण लीला का कलाकारों के द्वारा प्रभावशाली अभिनय के साथ यादगार मंचन किया गया।
श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर में चल रहे स्वर्ण जयंती रामलीला मंचन के दौरान बीती रात धर्म और सनातन की प्रेरणा के साथ ही महिला सशक्तिकरण का संदेश भी दिया गया। मुख्य अतिथि मिशन शक्ति 5.0 की नोडल अधिकारी एसपी क्राइम इंदू सिद्धार्थ, सीओ नई मंडी राजू कुमार शाव, संयुक्त व्यापार संघ संघर्ष समिति के संरक्षक कृष्णगोपाल मित्तल, अध्यक्ष संजय मिश्रा, नई मंडी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक बृजेश शर्मा, विश्व हिंदू परिषद् के प्रांत संगठन मंत्री अरूण कुमार, सम्भाग संगठन मंत्री अनूप कुमार, ललित माहेश्वरी, महिला उप निरीक्षक साधना चौधरी और उप निरीक्षक बबली ने आरती के पश्चात दीप प्रज्वलित कर रामलीला मंचन का शुभारंभ किया।
कमेटी के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, मनोज पाटिल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता ने अतिथियों को स्मृति देकर सम्मानित किया। श्रीमती मीना ऐरन द्वारा विशेषकर महिला पुलिस अधिकारियों को पटका पहनाकर सम्मान किया। रामलीला के पारंपरिक मंच पर इस बार केवल धार्मिक और सांस्कृतिक झलक ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी सशक्त संदेश देखने को मिला। मिशन शक्ति अभियान के तहत मुख्य अतिथि एसपी क्राइम इंदू सिद्धार्थ ने रामलीला मंच से महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया और बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों, सुरक्षा उपायों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त, सुरक्षित और स्वावलंबी बनाना है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम, 1090 महिला हेल्पलाइन और सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए अपराध के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।
श्री रामलीला महोत्सव में गत रात्रि की लीला का शुभारंभ मिथिलापुर से भगवान श्री राम की बारात अयोध्या में प्रवेश करने के बाद महल में मां सीता के स्वागत और सत्कार के भव्य समारोह के साथ हुआ। इसके पश्चात श्रीराम के वनगमन और राजा दशरथ के मरण का हृदयस्पर्शी प्रसंग मंचित किया गया। मंच पर कलाकारों के सजीव अभिनय ने दर्शकों को भावनाओं के सागर में डुबो दिया। अवध में भगवान श्रीराम के राजतिलक की तैयारियों के बीच दासी मंथरा की कपटी सीख महारानी कैकई को हठ करने पर विवश करती है और उनकी इस हठ के कारण पूरा रघुकुल बिखर जाता है।
अयोध्या में अंधकार है। श्रीराम की आज्ञापालन की दृढ़ता और कौशल्या-सुमित्रा के करुण विलाप ने उपस्थित जनसमूह की आँखों को नम कर दिया। सीता और लक्ष्मण के साथ राम का वनगमन दृश्य अत्यंत मार्मिक रहा। राजा दशरथ की व्यथा और राम वियोग में उनकी मृत्यु का मंचन प्रभावशाली रहा। राम के वियोग में उनके विलाप और अंततः उनके देहांत को मंच पर इतनी मार्मिकता से प्रस्तुत किया गया कि पूरा मंचन स्थल शोकमय वातावरण में डूब गया। दशरथ की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ कलाकार और रामलीला के निर्देशक पंकज शर्मा ने अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया।
मुख्य रूप से रामलीला कमेटी के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक विकल्प जैन, अध्यक्ष गोपाल चौधरी, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, मनोज पाटिल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, दिनेश जैन ठेकेदार, अनिल लोहिया, पीयूष शर्मा, राकेश मित्तल, विनोद गुप्ता, रामलीला निर्देशक पंकज शर्मा, नारायण ऐरन, विजय मित्तल, जितेन्द्र नामदेव और गोविंद शर्मा, ज्योति ऐरन, कन्दर्प ऐरन, अनिल गोयल, यश चौधरी, गौरव मित्तल, अमर चौधरी, प्रदीप बॉबी, हरिओम मास्टर, सोनू सिंह, राजेश वशिष्ठ, देवेन्द्र पतला, शिवांश ठाकुर, पंकज वशिष्ठ, स्पर्श गर्ग, यश गर्ग, कृष्णा नामदेव, विशाल शर्मा, उदय कौशिक, जय प्रकाश, लक्ष्य बंसल, अभिषेक कश्यप, जतिन गर्ग, विपुल मोहन, अज्जु जैन सहित अन्य कलाकार मौजूद रहे।