चक्रवात से बुरी तरह तबाह हुए श्रीलंका के लिए पाकिस्तान की राहत उड़ान को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच नया विवाद खड़ा हो गया है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत उसकी मानवीय सहायता वाली उड़ानों को जानबूझकर रोक रहा है, जिससे श्रीलंका तक राहत सामग्री पहुंचाने में देरी हो रही है। पाकिस्तान का दावा है कि भारत की “असहयोगी नीति” के कारण उसका राहत मिशन अधिक समय तक रुका रहा।
भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि मानवीय दृष्टि से पाकिस्तान के अनुरोध को तुरंत मंजूरी दी गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने पाकिस्तान के बयान को “हास्यास्पद” बताते हुए कहा कि यह भारत के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने का एक और प्रयास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का औपचारिक अनुरोध 1 दिसंबर 2025 को भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद, को दोपहर करीब 1300 बजे प्राप्त हुआ था, और भारत सरकार ने उसी दिन शाम 1730 बजे मंजूरी जारी कर दी थी। भारत का कहना है कि प्रक्रिया पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप थी और चार घंटे में मंजूरी देना अपने-आप में रिकॉर्ड समय है।
भारत ने मीडिया में चल रही उन खबरों को भी झूठा बताया, जिनमें दावा किया गया कि भारत ने पाकिस्तानी विमान को अपने एयरस्पेस से गुजरने की अनुमति नहीं दी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से फैलाई जा रही यह “फेक न्यूज़” भारत की छवि खराब करने की कोशिश है, जबकि भारत की नीति हमेशा से मानवीय सहायता को प्राथमिकता देने की रही है, चाहे परिस्थिति किसी भी देश की हो।
वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने उड़ान को 60 घंटे से अधिक समय तक मंजूरी नहीं दी, और बाद में जो “आंशिक अनुमति” दी गई, वह संचालन की दृष्टि से उपयोगी नहीं थी। पाकिस्तान का आरोप है कि वापसी उड़ान की अनुमति नहीं दी गई, जिससे मिशन प्रभावित हुआ। पाकिस्तान का कहना है कि वह श्रीलंका के “भाईचारे वाले लोगों” तक जल्द सहायता पहुंचाना चाहता है, लेकिन भारत की देरी परेशानी पैदा कर रही है।
इस बीच श्रीलंका चक्रवात ‘दित्वाह’ से उत्पन्न भीषण संकट से जूझ रहा है। बाढ़ और भूस्खलनों ने कई जिलों को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। कई सड़कें और पुल नष्ट हो गए हैं। श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र ने अब तक 410 मौतों और 336 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है।
गंभीर मानवीय स्थिति को देखते हुए भारत ने “ऑपरेशन सागर बंधु” शुरू किया है, जिसके तहत राहत सामग्री, मेडिकल सहायता और आवश्यक संसाधन श्रीलंका भेजे जा रहे हैं। भारत पहले भी आर्थिक और मानवीय संकटों के दौरान श्रीलंका की प्रमुख सहायता करता रहा है।






