मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में कर्मचारियों के द्वारा की जा रही काम बंद हड़ताल के बीच ही ईओ और लेखाकार के बीच शुरू हुई तकरार में अब नया विवाद उत्पन्न हो गया है। लेखाकार पर आरोप है कि उनके द्वारा कार्यदायी संस्थाओं के बिलों के भुगतान पत्रावलियों और चैक साइन करने के दौरान एक फर्जी चैक भी ईओ से साजिशन साइन कराने का प्रयास किया गया, जो पकड़ में आने के बाद ईओ ने चैक बुक, रजिस्टर और बिल पत्रावली जब्त करते हुए लेखाकार और लेखा लिपिक को नोटिस जारी कर वित्तीय अनिमिततता में विधिक कार्यवाही करने की चेतावनी के साथ जवाब तलब किया है।
नगरपालिका में हड़ताल के बीच ही अधिकारियों के बीच की आपसी तकरार भी बढ़ रही है। ईओ द्वारा सीधे तौर पर आरोप लगाया गया है कि स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के पत्र पर वेतन सम्बंधी विवाद के निस्तारण के लिए लेखाकार को आदेश जारी कर वेतन बनाने को कह दिया गया था, लेकिन उन्होंने जानबूझकर उनका मार्क किया गया पत्र टैक्स विभाग में कार्यवाहक टीएस को भेज दिया गया। जिससे संकट बना और हड़ताल हुई। इसी को लेकर उनहोंने मंगलवार को ही लेखाकार को नोटिस जारी किया था, लेकिन अब यह विवाद वित्तीय अनियमितता के आरोपों तक पहुंच गया है। दरअसल, बुधवार को कर्मचारियों की हड़ताल के बीच ही ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह अपने कार्यालय में पहुंची थी।
बोर्ड फण्ड और दूसरे मदों से कराये गये कार्यों की भुगतान पत्रावलियों के निस्तारण के लिए लेखाकार प्रीति रानी उनके पास कुछ चैक और रजिस्टर पर स्वीकृति प्राप्त करने के लिए पहुंची थी। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने लेखा लिपिक गगन महेन्द्रा और लेखाकार प्रीति रानी की संस्तुति के आधार पर भुगतान पत्रावलियों का निस्तारण करना प्रारम्भ कर दिया था। इसके साथ ही कार्यदायी संस्थाओं को भुगतान के लिए वो चैक भी साइन कर रही थी। इसी बीच उन्होंने एक फर्जी चैक पकड़ लिया, गलत चैक पकड़ में आने पर जब ईओ ने लेखाकार प्रीति रानी से जवाब मांगा तो उनका कहना था कि ऐसे गलत चैक तो बनते रहते हैं, ये कम्प्यूटर की गलती है, मैं इसको ठीक कराकर दूसरा चैक बनवाकर ला दूंगी, लेकिन ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने इसे गंभीर वित्तीय अनियमितता और उनके खिलाफ एक सोची समझी साजिश बताते हुए चैक बुक, विवरण रजिस्टर और सम्बंधित कार्यदायी संस्था की बिल पत्रावली को तत्काल जब्त कर अपने पास रख लिया। ईओ ने बताया कि लेखाकार द्वारा भुगतान पत्रावलियों का निस्तारण उनसे कार्यालय में कराया जा रहा थी, इसी बीच एक फर्जी चैक पकड़ा गया है, जो उनसे धोखे से साइन कराने का प्रयास किया गया, ताकि उनको इस भुगतान के लिए वित्तीय अनियमितता में फंसाया जा सके।
बताया कि शिव कंस्ट्रक्शन फर्म के द्वारा नई मंडी में श्री बालाजी रथयात्रा के दौरान रथयात्रा रूट पर सड़कों में हुए गडढों को भरने के लिए पेंचवर्क का कार्य तात्कालिक व्यवस्था में पालिका के निर्माण विभाग से कराया गया था। इस कार्य की भुगतान पत्रावली शिव कंस्ट्रक्शन के नाम से ही थी, बिल भी उसी फर्म का था और रजिस्टर में विवरण भी वो था, लेकिन इस फर्म के लिए प्रस्तुत बिल के लिए 112774 रुपये रुपये का जो चैक उनसे साइन कराने का प्रयास किया गया, वो शिव इंटरप्राइजेज के नाम पर बनाया गया था।
इसके लिए लेखाकार प्रीति रानी और लेखा लिपिक गगन महेन्द्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ईओ का कहना है कि ये सीधे तौर पर वित्तीय अनियमितता का मामला है, यदि साइन हो जाते तो कार्यदायी संस्था के कार्य पर दूसरी फर्म को भुगतान करने के आरोप साबित हो सकते थे। ये उनकी खिलाफ सोच समझकर साजिश की गई है,ि जिसमें वो विभागीय कार्यवाही के लिए शासन को लिख रही हैं और विधिक कार्यवाही भी की जायेगी।