मुजपफ्फरनगर। खतौली उपचुनाव में आये मतगणना परिणाम के बाद एक बार फिर से चरण सिंह की विरासत को यहां के मतदाताओं ने सिर माथे पर रखकर भाजपा से जीत की हैट्रिक के चांस को भी छीन लिया है। 26 साल पहले भी भाजपा और रालोद के बीच इस सीट पर ऐसा ही सियासी अवसर आया था। इसमें रालोद ने बाजी मार ली थी। साल 1996 में हुए इस चुनाव से पहले इस सीट पर भाजपा ने लगातार 1991 और 1993 के चुनावों में सुधीर बालियान को प्रत्याशी बनाकर दो जीत हासिल की थी। इसके बाद भाजपा ने सुधीर बालियान पर ही विश्वास जताया और उनको तीसरी बार मैदान में उतारा था। राम मंदिर लहर में दो चुनाव भाजपा की प्रचंड जीत वाले रहे, लेकिन 1996 में भाजपा की ताकत यहां कमजोर पड़ी और अजित सिंह की नई पार्टी भारतीय किसान कामगार पार्टी के प्रत्याशी राजपाल बालियान ने यहां पर भाजपा की हैट्रिक के सपने को चकनाचूर कर दिया। इस चुनाव में राजपाल बालियान को 81334 और भाजपा के सुधीर बालियान को 43544 वोट मिले थे। राजपाल 37790 मतों के बड़े अंतर से विधायक बने। अगला चुनाव भी राजपाल बालियान ने रालोद प्रत्याशी के रूप में जीता था