सीएम योगी का दूत बनकर आये मंत्री सुरेश राणा, प्रशांत को दिया कंधा, परिवार को सौंपा 50 लाख का चैक

हमारी पूरी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रशांत के परिवार के साथ खड़े हैं। 50 लाख रुपये की सहायता इस परिवार को दी जा चुकी हैं, मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाओं को भी जल्द ही पूरा कराया जायेगा।

Update: 2020-08-30 09:56 GMT

मुजफ्फरनगर। कश्मीर में शहदी सैन्य कर्मी प्रशांत कुमार की अंतिम यात्रा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिनिधि के रूप में यहां पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और सरकार द्वारा शहीद के सम्मान के उसके परिवार के लिए जारी की गयी राहत राशि के रूप में 50 लाख रुपये का चैक भी सौंपा। उन्होंने परिवार को पूरा भरोसा दिलाया कि हमारी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर समय उनके साथ खड़े हैं।


रविवार को सवेरे ही प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा शहीद प्रशांत के बुढ़ाना मोड स्थित आवास पर पहुंचे और उनके पिता शीशपाल शर्मा से मुलाकात की। मंत्री सुरेश राणा के आने की सूचना से डीएम सेल्वा कुमारी जे. और एसएसपी अभिषेक यादव भी पूरे लाव लश्कर के साथ बुढ़ाना मोड पहुंच गये थे। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए भीड़ भी सवेरे से ही यहां पर उमड़ने लगी थी। इसके चलते शामली रोड पर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया था। मंत्री सुरेश राणा ने घर पहुंचकर परिजनों को पूरा

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशांत शर्मा ने कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़ी जाबांजी दिखाते हुए प्राणों का बलिदान दिया है। भारत मां के ऐसे सपूतों पर देश को हमेशा ही गर्व रहेगा। शहादत के लिए कोई भी कीमत नहीं लगाई जा सकती, लेकिन प्रशांत शर्मा की वीरता को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके परिवार के लिए कुछ राहत राशि का ऐलान किया था, आज वह उसकी सहायता राशि को सौंपने के लिए प्रशांत के परिजनों से मिले।


उनके पिता भी एक फौजी रहे हैं। उन्होंने अपने बेटे की शहादत को गौरव का पल बताया है। हम उनके जज्बे को भी नमन करते हैं। हमारी पूरी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रशांत के परिवार के साथ खड़े हैं। 50 लाख रुपये की सहायता इस परिवार को दी जा चुकी हैं, मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाओं को भी जल्द ही पूरा कराया जायेगा। इसके लिए जिलाधिकारी को भी दिशा निर्देश दे दिये गये हैं। यह शहादत इस बात का प्रमाण है कि देश की एकता, अखण्डता को तोड़ने की कोशिश में जुटे नापाक इरादा रखने वालों के मसंूबे प्रशांत जैसे नौजवान कभी पूरा नहीं होने देंगे।

इसके साथ ही यहां शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने कहा कि प्रशांत शर्मा की अंतिम यात्रा गौरवमीय क्षण है, उसने देश के लिए प्राणों की आहुति दी है। हम केन्द्र और राज्य सरकार से यही मांग करते हैं कि ऐसे जाबांज शहीदों के लिए उनके परिवारों का सम्मान किया जाये, उनका दुख सरकार बांटने का काम करे।

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