वाल्मीकि समाज ने शिव चौक किया जाम

पालिका पर लगाया वेतन नहीं देने का आरोप, मुकदमा दर्ज कराने पर रोष। प्राइवेट कंपनी आर.के. कंस्ट्रक्शन के साथ किया था सफाई कर्मियों ने काम, वेतन को लेकर चल रही है तकरार।

Update: 2020-11-17 10:46 GMT

मुजफ्फरनगर। शहर में सफाई व्यवस्था के लिए प्राइवेट सेक्टर की कंपनी आर.के. कंस्ट्रक्शन के साथ बतौर सफाई कर्मचारी काम करने वाले वाल्मीकि समाज के महिला और पुरुषों ने आज अपने बच्चों को साथ लेकर शिव चौक पर जाम लगाकर भारी हंगामा किया। इन लोगों ने पालिका प्रशासन पर मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न करने के आरोप लगाते हुए पालिका प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराने पर भी रोष जताया। शिव चौक पर जाम लगने के कारण यहां यातायात व्यवस्था ठप हो गयी और पुलिस कर्मियों को यातायात सुचारू करने के लिए जूझना पड़ा।

बता दें कि शहर की सफाई व्यवस्था को सुचारू करने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर द्वारा प्राइवेट सैक्टर की कंपनी आर.के. कंस्ट्रक्शन से एग्रीमेंट किया गया था। कंपनी ने शहर में सफाई कार्य के लिए महिला और पुरुष कर्मचारियों को रखा। कंपनी द्वारा एक महीने तक शहर में इनसे कार्य कराया गया और पालिका की शर्तों का पालन नहीं होने पर कंपनी से करार खत्म हो गया। कंपनी एक महीने बाद ही यहां से कामकाज छोड़ चली गयी थी। इन कर्मचारियों को कंपनी की ओर से वेतन नहीं दिया गया था। कंपनी के साथ काम करने वाले कर्मचारी तीन महीने का वेतन बताते हुए आंदोलन कर रहे हैं। 10 नवम्बर को पालिका सभाकक्ष में बोर्ड मीटिंग के दौरान ये कर्मचारी अंदर पहुंच गये थे और भारी हंगामा किया था। इन कर्मचारियों ने पालिकाध्यक्ष सहित पूरे सदर को करीब डेढ़ घंटे तक बंधक बनाये रखा था। इस मामले में कार्यवाहक ईओ एवं नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरएस राठी ने गुरू निवासी धर्मपुरी, विजय निवासी केशवपुरी और 60 अन्य सफाई कर्मचारियों के खिलाफ शहर कोतवाली में तहरीर देते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसी को लेकर आज फिर से यह सफाई कर्मचारी परिवार सहित सड़क पर उतरे नजर आये। इन लोगों ने शिव चौक पर पहुंचकर सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया और नारेबाजी की। इससे यातायात व्यवस्था ठप हो गयी। पालिका प्रशासन का कहना है कि इन कर्मचारियों का कोई वेतन पालिका पर नहीं है। उधर सफाईकर्मियों का कहना है कि वह अपना दो साल से रुका हुआ वेतन मांगने गए थे। पालिका प्रशासन उन्हें वेतन देने के बजाए अब रिपोर्ट दर्ज करा रहा है। इन लोगों ने दर्ज कराई गई रिपोर्ट को वापस लेने और वेतन दिलाने की मांग की है। 

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