मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में लापरवाही किस हद तक है यह चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के टाउनहाल परिसर में बने स्वास्थ्य विभाग के स्टोर के औचक निरीक्षण के दौरान साबित हो गई। पालिका ने 10 लाख से ज्यादा की धनराशि खर्च करते हुए जिस कम्पोस्ट मशीन को खरीदकर वेजिटेबिल वेस्ट से खाद बनाने की योजना को शुरू करने की कवायद की थी, उसी योजना को कबाड़ कर दिया गया। चेयरपर्सन के निरीक्षण में कबाड़ में पड़ी मिली कम्पोस्ट मशीन की खरीद और इसके स्टोर तक पहुंचने के मामले में अधिशासी अधिकारी ने जांच बैठा दी है। इसके लिए उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। वहीं निर्माण विभाग को मशीन को स्थापित कराते हुए उसको संचालन कराये जाने के निर्देश भी दिए गये हैं। बता दें कि गुरूवार को अचानक ही टाउनहाल परिसर पहुंची चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने सभासदों के साथ निरीक्षण किया था। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के गैराज में निरीक्षण के दौरान उनको एक कम्पोस्ट मशीन कबाड़ में पड़ी हुई मिली थी। यहां पर उन्होंने इस मशीन को स्थापित नहीं कराये जाने और कबाड़ करने को लेकर कड़ी नाराजगी की थी। इस मामले में अधिशासी अधिकारी डाॅ. प्रज्ञा सिंह ने मशीन की खरीद से लेकर इसके कबाड़ तक पहुंचने के मामले में जांच बैठा दी है। इसके साथ ही इसको स्थापित करते हुए संचालन कराने के निर्देश दिए गये हैं। इस मशीन को शहर से निकलने वाले किचन वेस्ट ;सब्जी, फल, मांस, फूल, पत्तियां आदिद्ध को कम्पोस्ट में बदलने की योजना के तहत खरीदा गया था। इसमें 15वें वित्त के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दो मशीनों की खरीद का प्रस्ताव किया गया था। इस प्रस्ताव को 27 फरवरी 2023 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई 15वें वित्त आयोग समिति की बैठक में भी रखा गया। बताया गया कि तत्कालीन जिलाधिकारी ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति लगाई थी। इसमें डीएम ने इस शर्त के साथ एक 500 किलोग्राम क्षमता की कम्पोस्ट मशीन ही खरीदने की अनुमति प्रदान की थी, कि यदि यह मशीन लगाकर सही कार्य किया जाता है तो ही दूसरी मशीन की खरीद की जायेगी। डीएम की अनुमति मिलने के बाद पालिका के स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराकर मशीन की खरीद कर ली थी। एक मशीन के लिए स्टीमेट 14 लाख का बनाया गया था। इसमें 10.12 लाख रुपये की न्यूनतम निविदा को स्वीकार करते हुए मशीन खरीदी गई और 6 नवम्बर 2023 को मशीन की आपूर्ति पालिका ने प्राप्त कर ली थी। इसमें नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अतुल कुमार और प्रभारी जेई जलकल कधर्मवीर सिंह ने मशीन को हैंड ओवर किया। इसके बाद से ही यह मशीन स्वास्थ्य विभाग के गैराज में पड़ी हुई कबाड़ हो रही है। इसको स्थापित कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। ईओ डाॅ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि चेयरपर्सन के निरीक्षण में कबाड़ में मिली लाखों रुपये कीमत की कम्पोस्ट मशीन के प्रकरण में पत्रावली तलब की गयी है। इसकी खरीद उनके कार्यकाल से पूर्व 15वें वित्त में नवम्बर 2023 में की गई है, लेकिन इसके बाद इसके अधिष्ठापन के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अतुल कुमार या विभागीय स्तर पर कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई और मशीन की आपूर्ति लेने के बाद इसको स्वास्थ्य विभाग के गैराज में पहुंचा दिया गया था, जो गम्भीर लापरवाही को प्रदर्शित करता है। इसके लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी की पूरी जवाबदेही थी। हमने इस सम्बंध में उनको नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है कि मशीन की आपूर्ति प्राप्त करने के बाद करीब 14 माह से इसको स्थापित क्यों नहीं कराया गया और यह कबाड़ में क्यों डाल दी गई। इसके साथ ही इस मशीन को अधिष्ठापित कराये जाने के लिए एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह को भी निर्देशित किया गया है वो व्ययानुमान बनाकर रूड़की रोड स्थित एमआरएफ सेंटर पर इसको लगवाने की कार्यवाही करें, ताकि वहीं पर किचन वेस्ट से कम्पोस्ट बनाने का काम किया जा सके। इसके साथ ही इसके बेहतर संचालन के लिए एसबीएम प्रबंधक से भी सुझाव मांगे गये हैं।
संसाधनों की खरीद में रूचि, प्रयोग में लापरवाही पुरानी पहचान
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं। पालिका में संसाधनों की खरीद को लेकर जितनी गम्भीरता से अधिकारी रूचि दिखाते हैं, उनके उपयोग के लिए उनकी उतनी ही गहरी लापरवाही उजागर होती रही है। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने निरीक्षण किया तो 10 लाख की कबाड़ होती मशीन का प्रकरण भी सामने आ गया, नहीं तो कई मशीनें और संसाधन इसी प्रकार बिना उपयोग गल जाते रहे हैं। पिछले दिनों चेयरपर्सन ने कम्पनी बाग का निरीक्षण किया तो वहां पर बड़ी संख्या में हाथ रेहड़ा खड़े पाये गये थे, जिनको तत्काल ही वितरण करने के निर्देश दिये गये थे। इनमें भी अभी तक शत प्रतिशत वितरण नहीं हो पाया है। इसको लेकर ईओ डाॅ. प्रज्ञा सिंह ने कहा कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है। उनसे वितरण रिपोर्ट भी मांगी गई है। उनका कहना है कि सभी सफाई नायकों को आवश्यकता के अनुसार हाथ रेहडा कर्मचारियों को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, ताकि शहर की छोटी गलियों में सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जा सके।