हादसे में घायल बच्ची ने हाथों मेें तोड़ा दम, नहीं मिली एम्बुलेंस
फिरोजाबाद जनपद में मानवीय संवेदनाओं को झकझोरती तस्वीर सामने आई। बाइक पर ही अपने बेटी के शव को लेकर परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे। उनको सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस तक भी उपलब्ध नहीं कराई गई। तस्वीरें वायरल हुई तो बेसुध अफसरों की नींद टूटी, अब जांच कराने की बात कही जा रही है।;
फिरोजाबाद। जनपद में मानवीय संवेदनाओं को झकझोरती तस्वीर सामने आई। बाइक पर ही अपने बेटी के शव को लेकर परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे। उनको सरकारी अस्पताल से एम्बुलेंस तक भी उपलब्ध नहीं कराई गई। तस्वीरें वायरल हुई तो बेसुध अफसरों की नींद टूटी, अब जांच कराने की बात कही जा रही है।
मानवता को झकझोर कर रख देने वाला यह वाक्य यहां बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की कहानी लेकर सामने आया। भले ही राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने का दावा सरकार करती हो लेकिन एक बालिका के शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों को स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करा सका। परिजन बाइक पर रखकर शव को सरकारी ट्रॉमा सेंटर से पोस्टमार्टम हाउस तक ले गए।
सूत्रों के अनुसार नारखी थाना क्षेत्र के गांव बरतरा निवासी हरीशंकर की छह वर्षीय पुत्री दिव्या एक मार्च को सड़क पार करते समय कार की चपेट में आने से घायल हो गई थी। उसका निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। हरीशंकर ने बताया कि मंगलवार रात दिव्या की हालत खराब होने पर चिकित्सकों ने उसे आगरा रेफर करने की बात कही।
बुधवार सुबह करीब चार बजे वह दिव्या को लेकर आगरा पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उसको भर्ती करने से मना करते हुए घर ले जाने की बात कही। सुबह करीब छह बजे वह दिव्या को लेकर सरकारी ट्रॉमा सेंटर आए। यहां चिकित्सकों ने दिव्या को मृत घोषित करते हुए शव ले जाने की बात कह दी। लेकिन एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं कराई।
इस पर वह बाइक पर ही शव को सरकारी ट्रॉमा सेंटर से पोस्टमार्टम हाउस पर लेकर पहुंचे। अस्पताल में शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं थी। मामला संज्ञान में आने पर कार्यवाहक सीएमएस डॉ. आलोक कुमार खुद सरकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में यह पाया गया है कि मृत बालिका के परिजन स्टाफ को बिना बताये ही बालिका के शव को अस्पताल से ले गए थे। उनके द्वारा एम्बुलेंस की माग भी नहीं की गयी थी।