चिन्मयानंद मामले में पीडिता ने कहाः अराजक तत्वों के दबाव में रिपोर्ट दिखाई थी

पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा विशेष एमपी-एमएलए अदालत में अदालत में सुनवाई के दौरान अपना बयान देने के लिए उपस्थित हुई और कहा कि उसने पूर्व मंत्री पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया जिसे अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर पेश कर रहा है।;

Update: 2020-10-14 09:10 GMT

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा विशेष एमपी-एमएलए अदालत में अदालत में सुनवाई के दौरान अपना बयान देने के लिए उपस्थित हुई और कहा कि उसने पूर्व मंत्री पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया जिसे अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर पेश कर रहा है। अभियोजन पक्ष ने इसे लेकर आरोपों से मुकरने पर छात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत तुरंत अर्जी दाखिल की।

मामले की सुनवाई कर रही एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अभियोजन पक्ष को यह अर्जी दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही इसकी प्रति पीड़िता व अभियुक्त को देने का भी आदेश दिया, ताकि वह इस पर अपना जवाब दाखिल कर सकें। अब मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख नियत की गई। सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने पीडिता ने थाना लोधी कालोनी में अपनी अर्जी में दर्ज रिपोर्ट में कहा है कि पांच सितंबर, 2019 को पीड़िता ने स्वयं इस मामले की एफआईआर नई दिल्ली के दर्ज कराई थी। उसके पिता की ओर से शाहजहांपुर में भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। एसआईटी ने इस मामले की जांच के दौरान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज किया। शाहजहांपुर में संबधित मजिस्ट्रेट के समक्ष भी बयान में उसने एफआईआर में दी गई घटना का समर्थन किया था। लेकिन अब उसने अपना बयान बदलते हुए कहा कि मैंने अराजक तत्वों के दबाव में यह सब किया था। 

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