7 नवंबर को शिवचौक पर होगी किसान पंचायत: राकेश टिकैत

पुलिस व प्रशासन के अफसरों के निवेदन पर जिलाधिकारी कार्यालय के घेराव और प्रदर्शन कार्यक्रम में आज भारतीय किसान यूनियन के शीर्ष नेतृत्व ने बदलाव करते हुए जिला प्रशासन को 5 दिन का समय दिया है। इस अल्टीमेटम के साथ ही भाकियू ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसान धरने पर होगा तो प्रशासन को चैन से नहीं सोने देंगे।

Update: 2020-11-02 12:40 GMT

मुज़फ्फरनगर।  भारतीय किसान यूनियन का सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर घोषित घेराव प्रदर्शन अचानक ही स्थगित कर दिया गया। किसान नेताओं से पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने मिलकर डीएम कार्यालय का आंदोलन  स्थगित करने का आग्रह किया, इसके बाद किसानों का धरना बिजली दफ्तर पर ही जारी रहा।  इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह और एसपी सिटी सतपाल अंतिल ने किसान नेताओं के साथ वार्ता की लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका आज भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने जिला प्रशासन को 5 दिन का अल्टीमेटम देेेेते हुए कहा कि  यदि किसानों का बकाया भुगतान  नहीं किया गया तो 7 नवंबर को किसानों की पंचायत डीएम कार्यालय पर नहीं शिव चौक पर होगी।

भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया था कि सोमवार को डीएम कार्यलय पर किसानों की समस्याओं को लेकर पंचायत की जाएगी, और किसान बिजली दफ्तर पर चल रहे धरने से कलेक्ट्रेट कूच करेंगे। पर आज माहौल बदला नजर आया। किसान अपने धरने पर बैठे रहे। बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता के कार्यालय नुमाइश कैम्प पर भाकियू के धरने के छठे दिन सोमवार को किसानों को सम्बोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसान सड़को पर है तो अधिकारियों को भी घर मे सोने नही देगे। गन्ना किसान का पिछले चार वर्षों में कोई मूल्य नही बढ़ा है,जबकि उत्पादन लागत में दोगुना वृद्धि हुई है।सरकार किसान की कमर तोड़ रही है। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का 8 हजार करोड़ बकाया है। भुगतान के सभी वायदे जुमले साबित हुए है। मूल्य में वृद्धि व भुगतान के बिना किसान घर वापस नही जाएगा। यह आंदोलन चलता रहेगा।

मुजफ्फरनगर में किसानों की जबरन भूमि छीनने के बाद उचित मुवावजा नही दिया गया है। जिला प्रशासन अगर रास्ट्रीय राजमार्ग 58 व 709 व फ्रंट कॉरिडोर में किसानों को न्याय नही देता तो जनपद के सारे कार्य बंद करा दिए जाएंगे।

इस आंदोलन के माध्यम से भाकियू  ने सरकार से जो मांग की है उनमें मुख्य रूप से गन्ने का मूल्य 450 रू कुंतल घोषित किया जाय। किसानों के बकाया गन्ना भुगतान लगभग 8000 करोड़ का भुगतान वापस कराया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाया जाए। किसानों के कोल्हू पर फिक्स चार्ज के आधार पर बिल लिया जाय। गन्ना नियंत्रण कानून से व्याज समाप्त करने की धारा को समाप्त किया जाए। और धान के क्रय केंद्र पर किसानों की खरीद की जाय। मक्का व बाजरे के भी क्रय केंद्र खोले जाने की मांग शामिल हैं। 

भाकियू के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि इन समस्याओं के समाधान होने तक पूरे प्रदेश में आंदोलन जारी रहेगा। आज धरने की अध्यक्षता महाशय कलम सिंह व संचालन ओमपाल सिंह मलिक ने किया।

धरने में मुख्य रूप से अनुज बालियान,अर्जुन सिंह ,देशपाल सिंह,राजू अहलावत,अशोक घटायन,योगेंद्र सिंह,विपिन मेंहदीयान,आलोक गोयल,बिट्टू ठाकुर,महकार सिंह,श्याम सिंह सैनी,ओमवीर सिंह,गुलशन दतियाना, सतेंद्र नेताजी,नवीन सैनी,बीरसिंह,ज्ञानेश्वर त्यागी,सतेंद्र ठाकुर,चंचल,अनुज बालियान, मुरसलीन, योगेश बालियान, नवीन राठी,मांगेराम त्यागी,बाबू सिंह,रामपाल दरोगा,हरिओम त्यागी,बिट्टू,कुशलवीर सिंह,नोमान,कुलदीप त्यागी,पिंटू बालियान सहित हजारों किसान मौजूद रहे।

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