RAMLEELA-सूर्पनखा की नाक कटी, सीता को हर ले गया कपटी रावण
श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर में सीता हरण की लीला देखने को उमड़ी दर्शकों की भारी भीड़
मुजफ्फरनगर। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर में सीता हरण लीला का मंचन देखने के लिए शहर और देहात क्षेत्र से भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी नजर आई। रामलीला में दिखाया गया कि कैसे अधर्मी रावण ने छल से माता सीता का हरण किया। अगर माता सीता लक्ष्मण रेखा पार नहीं करती, तो रावण अपने मंसूबे में कभी सफल नहीं हो पाता। परंतु प्रभु के हाथों ही रावण का संहार लिखा था। इस निमित सीता हरण हुआ। दर्शक कलाकारों के भावपूर्ण संवाद के साथ प्रस्तुत अभिनय को देखकर भाव-विभोर हो गए। सीता हरण से दुखी भगवान श्री राम का विलाप देखकर दर्शक भी अश्रुपूरित हो गए।
श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर के 49वें रामलीला महोत्सव में मंगलवार की रात्रि नौवें दिन सीता हरण और सुग्रीव मित्रता की लीला का आयोजन किया गया। भगवान श्री गणेश आरती और गुरूओं को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित अमरचंद जैन, विपिन गुप्ता, सुरेन्द्र वर्मा, डीआईजी उत्तराखण्ड लव शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित किया। रामायण जी और ठाकुर जी की आरती के बाद लीला मंचन का शुभारंभ हुआ। समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक पूर्व सभासद विकल्प जैन सहित अन्य पदाधिकारियों ने पटका पहनाकर मंत्री कपिल देव और अन्य अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन किया तथा स्मृति चिन्ह और मिष्ठान देकर अतिथियों का सम्मान किया गया।
भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ पंचवटी पहुंचकर विश्राम करते हैं। इसी बीच लंका से सुर्पनखा का राक्षकों के साथ वायुमार्ग से पंचवटी पर आगमन होता है। सुर्पनखा का वायु मार्ग से मंच पर आने की लीला लोगों में आकर्षण का केन्द्र बनी रही। इस बीच सुर्पनखा को उसकी उद्दण्डता के कारण लक्ष्मण सजा देते हैं, उनके कान और नाक तीर से काट देते हैं। इसका बदला लेने आये खर दूषण का भी विनाश हो जाता है। अपने दरबार में अप्सराओं के नृत्य का आनन्द उठाते लंकापति रावण के दरबार में कटी नाक लेकर सुर्पनखा पहुंचकर रूदन करती है और अपमान का बदला लेने के लिए अपने भाई राक्षस राज रावण को उकसाती है तो रावण भी बदला लेने के लिए व्याकुल हो जाता है, वो अपने मामा मारीच को अपनी कपटी चाल में शामिल करने के लिए विवश करता है और संन्यासी बनकर पंचवटी पहुंचता है। मारीच स्वर्ण मृग बनकर मां सीता को मोहित करता है। श्रीराम सीता की जिद के कारण उसका शिकार करने निकल जाते हैं।
हाय लक्ष्मण और हाय सीता की आवाज सुनकर मां सीता व्याकुलतावश लक्ष्मण को पंचवटी से भेज देती हैं। संन्यासी के वेश में रावण मां सीता का छल से हरण कर लेता है, उनको बचाने के लिए गि(राज जटायु संघर्ष करते हैं और प्राण त्याग देते हैं। सीता के हरण के पश्चात राम का विलाप, सबरी का उ(ार और सुग्रीव से भगवान राम की मित्रता की लीला ने सभी को प्रभावित किया। संयोजक विकल्प जैन ने बताया कि यह मंचन कलाकारों की तीन माह की तपस्या का फल है। इसमें स्थानीय कलाकार ही अभिनय करते हैं। रावण की भूमिका अमित भारद्वाज ने निभाकर सभी का मन मोह लिया। आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी पटेलनगर की लीला देखने के लिए रोजाना दर्शक पहुंच रहे हैं। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के रामलीला समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, अध्यक्ष गोपाल चौधरी, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, पंकज शर्मा, निर्देशक अमित शर्मा, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन के अलावा ज्योति ऐरन, मीना ऐरन, जितेंद्र नामदेव, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश मित्तल, अंशुल गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, अमर चौधरी, दीपक लाला, भगवती और सोनू सिंह आदि मौजूद रहे।