यूपी सरकार ने तय की कोरोना जांच की कीमत, अब ₹1600 से अधिक नहीं वसूल पाएंगे निजी पैथोलॉजी

Update: 2020-09-11 14:28 GMT

लखनऊ कोरोना वायरस संक्रमण में प्रदेशवासियों के सामने एक गंभीर दिक्कत आ रही थी कि निजी पैथोलॉजी जांच के नाम पर अनाप-शनाप पैसे वसूल रही थी। यूपी सरकार ने भारी राहत देते हुए जांच के नाम पर हो रही वसूली पर लगाम कर दी है। अब निजी पैथोलॉजी कोरोना वायरस संक्रमण जांच के मद में रूपया 16 सौ से अधिक नहीं ले सकेंगे। उत्तर प्रदेश शासन ने कोरोना जांच की नई दरें निर्धारित कर दीं हैं। उत्तर प्रदेश चिकित्सा विभाग ने शासन से प्राप्त निर्देश के बाद निजी प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच का शुल्क 2500 रुपये से घटाकर 1600 रूपये कर दिया है। उत्‍तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैब में कोरोना वायरस की जांच को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं।

अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के हस्ताक्षर से जारी एक आदेश में कहा गया कि वर्तमान में आरटी पीसीआर टेस्ट किट रिजेंट्स तथा वीटीएम किट के दामों में गिरावट होने के कारण शुल्क में कमी की गई है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि ट्रूनेट मशीन के जरिये जांच के लिए भी 1600 रुपए से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह आदेश सभी निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं के लिए बाध्यकारी है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि शुल्क से अधिक धनराशि वसूली को महामारी रोग अधिनियम 1897 एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। ज्ञातव्य हो यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। आपको बता दें कि विभाग ने कोरोना की आरटी- पीसीआर जांच के लिए बीती अप्रैल माह में 2500 रुपये शुल्क निर्धारित किया था। वहीं, सूचना निदेशक शिशिर ने आज जानकारी देते हुए बताया कि बृहस्पतिवार को उप्र में कोरोना संक्रमण के 1,50, 652 परीक्षण किये गये। इस तरह अब तक प्रदेश में 72,17,980 परीक्षण किये गये है। बृहस्पतिवार को किये गये 1,50,652 परीक्षणों में से 50 हजार कोविड टेस्ट सरकारी प्रयोगशालाओं में आरटीपीसीआर के माध्यम से किये गये । शिशिर ने बताया कि भारत में सर्वाधिक परीक्षण उप्र में किये जा रहे है।

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