यूपी पंचायत चुनावः ऐसे होगा जीतने वाले प्रत्याशियों का स्वागत
अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज मनोज कुमार ने कहा कि पंचायती राज विभाग में नव निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अपने कार्यकाल के महत्व को समझे तथा प्राथमिकता पर कार्यालय का सक्रिय संचालन करें, इसके लिए आवश्यक है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में प्राथमिकता पर किए जाने वाले कार्यो से अवगत कराया जाए।;
लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्वाचित होने वाले जन प्रतिनिधियों के स्वागत की तैयारी शुरू कर दी गयी है। पंचायतीराज विभाग की ओर से इसी क्रम में निर्वाचित होने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण की व्यवस्था तय करने को राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गयी।
त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए ट्रेनिंग नीड असेसमेंट व संदर्भ साहित्य विकास की यह दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला 5 व 6 अप्रैल को हुई। इस कार्यशाला में शामिल विभागीय अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज मनोज कुमार ने कहा कि पंचायती राज विभाग में नव निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अपने कार्यकाल के महत्व को समझे तथा प्राथमिकता पर कार्यालय का सक्रिय संचालन करें, इसके लिए आवश्यक है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में प्राथमिकता पर किए जाने वाले कार्यो से अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के बाद बड़ी संख्या में त्रिस्तरीय पंचायतों के 59095 सभापति एवं लगभग 6.50 लाख सदस्यों के चुने जाने की सम्भावना है, जोकि अगले पांच वर्षों में पंचायतों के विकास की दिशा में कार्य करेंगे। पंचायत स्तर के कार्य बेहतर तरीके से हो तथा पंचायतें सशक्त हों इसके लिए पंचायत का नेतृत्व भी सशक्त होना आवश्यक है। पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का क्षमता विकास भली प्रकार से हो तथा वह अपने कर्तव्यों को जानें इसके लिए ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्षों का दो दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम जून प्रथम सप्ताह से किया जाना प्रस्तावित है।
इस बाबत उनकी प्रशिक्षण आवश्यकताओं तथा उनके लिए सरल एवं गुणवत्तापरक संदर्भ साहित्य विकसित किया जाने के उद्देश्य से पांच अप्रैल को दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन पंचायतीराज निदेशक श्रीमती किंजल सिंह द्वारा पंचायती राज निदेशालय, लोहिया भवन में किया गया। जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर को चिन्हित कर समूह बनाकर कार्य किया गया एवं सदंर्भ साहित्य विकास का कार्य किया गया।