देवबंद। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के श्री वीर निर्वाण संवत 2552 के अवसर पर बुधवार को शहर के विभिन्न जैन मंदिरों में निर्वाण लाडू चढ़ाकर पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर के निर्वाण दिवस पर भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के साथ कार्यक्रमों में भाग लिया।
आचार्य श्री 108 अरुण सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री 1008 दिगंबर जैन पारसनाथ मंदिर (सारगवाड़ा) में वर्षायोग समिति के तत्वावधान में प्रथम 24 किलो का निर्वाण लाडू डॉ. लीना गोयल (पत्नी डॉ. अनुज गोयल) परिवार द्वारा चढ़ाया गया। द्वितीय लाडू आस्था जैन पुत्री श्रीमती प्रतिभा जैन द्वारा और तृतीय निर्वाण लाडू श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति की ओर से श्री हंस कुमार व अंकुर कुमार जैन ने चढ़ाया।

इसी क्रम में श्री दिगंबर जैन पंचायत समिति देवबंद के तत्वावधान में विभिन्न जैन मंदिरों में निर्वाण लाडू चढ़ाए गए। श्री 1008 दिगंबर जैन पारसनाथ मंदिर (बहारा) में प्रथम 24 किलो का लाडू श्री महेशचंद व रजनीश कुमार जैन (सर्राफ) ने चढ़ाया।
नेचलगढ़ मंदिर में यह सौभाग्य श्री अनुज कुमार व मयंक जैन को प्राप्त हुआ। इससे पूर्व आचार्य श्री के सानिध्य में महावीर चालीसा, शांतिधारा, अभिषेक और नित्य नियम पूजा का आयोजन किया गया। भक्तों ने निर्वाण कांड पाठ कर आरती की और भक्ति भाव से दीप जलाए।

महाराज श्री ने अपने प्रवचन में बताया कि 527 ईसा पूर्व भगवान महावीर को कार्तिक अमावस्या की रात निर्वाण मोक्ष प्राप्त हुआ था। उसी रात उनके प्रमुख गणधर गौतम स्वामी को केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसी कारण दीपावली का त्योहार जैन धर्म में भी विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है, जिसे त्याग और तपस्या के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर विनोद जैन (दस्तावेज लेखक), सुनील जैन (ठेकेदार), अतुल कुमार जैन, अंकित जैन, शुभम जैन, प्रियांशु जैन, हर्षित जैन, शिल्पी जैन, अर्चना जैन, पूनम जैन, बबिता जैन, पूजा जैन, चंदन जैन, अदिति जैन, आस्था जैन, सुमन जैन सहित समस्त जैन समाज के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।






