अमेरिका द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों को लेकर भारत ने औपचारिक प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इन प्रतिबंधों के प्रभावों का गहन विश्लेषण कर रही है। उन्होंने जोर दिया कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह राष्ट्रीय हितों और 140 करोड़ नागरिकों के लिए सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर आधारित है।
30 अक्टूबर को आयोजित साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में जायसवाल ने कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद नीति व्यावहारिक और स्थिर है। उन्होंने कहा —
“हमारी ऊर्जा रणनीति हमेशा बदलते वैश्विक बाजार के अनुरूप तय होती है। हमारा उद्देश्य है कि देश के हर नागरिक तक सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा पहुंच सके।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर वार्ता लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सकारात्मक संवाद में हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात में कमी की है। ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के बुसान में APEC सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूसी तेल का आयात “काफी घटाएगा या बंद करेगा”।
भारत ने इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया था कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों, उपभोक्ता सुरक्षा और रणनीतिक जरूरतों पर आधारित है। विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि रूस से तेल खरीदना भारत के लिए आर्थिक रूप से आवश्यक है और यह देश की स्थिर वृद्धि का एक अहम हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि भारत कई स्रोतों से ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि वैश्विक अस्थिरता का असर कम से कम हो और नागरिकों को ऊर्जा की कोई कमी न हो।





