बीएलओ निभाएंगे बड़ी जिम्मेदारी, 4 नवंबर से 4 दिसम्बर तक घर-घर जाकर गणना प्रपत्र के सहारे जटाया जायेगा वोटरों का नया डाटाबेस
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) की तैयारी अब अपने अंतिम चरण पर पहंुच गई हैं। मंगलवार से प्रशासन जिलेभर में वोटरों की छंटाई और सत्यापन का सबसे बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है। इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत जिले की सभी छह विधानसभा क्षेत्रों के लिए पंजीकृत करीब 21 लाख से अधिक मतदाताओं के विवरण की घर-घर जाकर जांच की जाएगी। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) सबसे अहम भूमिका निभाएंगे। वे 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक प्रत्येक घर पर जाकर गणना प्रपत्र के माध्यम से मतदाताओं की जानकारी एकत्र करेंगे, जिससे जिले का नया और अद्यतन मतदाता डाटाबेस तैयार किया जा सके।
22 साल के बाद उत्तर प्रदेश में मतदाताओं का विशु( विवरण तैयार करने के लिए मंगलवार को एसआईआर शुरू हो रहा है। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम उमेश मिश्रा के नेतृत्व में निर्वाचन कार्यालय ने अपनी तैयारी पूर्ण कर ली हैं। सोमवार को जनपद के छह विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर के लिए लगाये गये 1982 बीएलओ को सामग्री वितरित करने का काम पूर्ण किया गया। 4 नवंबर की सुबह से बीएलओ अपना बस्ता लेकर फील्ड में उतरे नजर आयेंगे।
इस एसआईआर के लिए प्रशासन पहले से ही लोगों को जागरुक करने में जुटा हुआ था। इसके लिए समय सारिणी भी जारी कर दी गई है। यह एसआईआर साल 2003 की वोटर लिस्ट के मुख्य आधार पर किया जा रहा है। यह वोटरों का एक विशु( डाटाबेस जुटाने का बड़ा अभियान है। इसके बाद विधानसभा मतदाता सूचियों का प्रत्येक वर्ष होने वाला विशेष पुनरीक्षण अभियान भी नहीं होने की संभावना प्रबल मानी जा रही हैं। एसआईआर अभियान में जनपद की छह विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकृत 21 लाख 12 हजार 585 मतदाताओं का सत्यापन बीएलओ द्वारा किया जायेगा। इसमें 11 लाख 24 हजार 371 पुरुष और 09 लाख 88 हजार 90 महिला मतदाता शामिल हैं। सर्वाधिक 03 लाख 97 हजार 500 मतदाता बुढ़ाना और सबसे कम 03 लाख 26 हजार 988 मतदाता मीरापुर विधानसभा में पंजीकृत हैं।
अपर जिला निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन संजय सिंह का कहना है कि एसआईआर का यह अभियान न केवल नए वोटरों को जोड़ने का अवसर देगा, बल्कि मृत, स्थानांतरित या दोहरे नामों को सूची से हटाने में भी मददगार साबित होगा। चुनावी पारदर्शिता और सटीक मतदाता सूची की दिशा में यह कवायद जनपद के लोकतांत्रिक ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
हर घर जाना होगा, गलती हुई तो ईआरओ होंगे जिम्मेदारी
निर्वाचन आयोग ने 4 नवंबर से शुरू हो रहे एसआईआर को लेकर बिहार के बवाल के बाद सख्त रवैया अख्तियार किया है। इसके लिए बीएलओ को अहम जिम्मेदारी दी गई है तो ईआरओ का दायित्व तय किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के जारी दिशा निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि इस अभियान में बीएलओ को गणना प्रपत्र भरवाने के लिए हर घर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी आवश्यक है, वो कहीं पर बैठक यह कार्य नहीं करेंगे। इसके लिए जनपद की छह विधानसभा क्षेत्रों बुढ़ाना, चरथावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर सदर, खतौली और मीरापुर में 1982 बीएलओ को फील्ड में उतारने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसमें आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर में कोई भी पात्र नागरिक वोटर लिस्ट में पंजीकृत होने से छूटा या किसी अपात्र को उसमें शामिल किया गया तो इसके लिए सीधे तौर पर ईआरओ की जवाबदेही और जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। ईआरओ का दायित्व है कि गणना प्रपत्र प्राप्त होने के बाद मतदाता का सूची में नाम शामिल करने और उसको हटाने के लिए वो स्वयं पहले संतुष्ट होंगे।
गणना दस्तावेज नहीं, बीएलओ से प्राप्ति रसीद जरूर लें
एसआईआर अभियान में 4 नवंबर से शुरू हो रहे बीएलओ के डोर टू डोर सर्वे में मतदाताओं को कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराना होगा। ये डाटा बेस मसौदा मतदाता सूची के आलेख्य प्रकाशन के लिए है। मसौदा सूची बनने के बाद ईआरओ द्वारा जारी नोटिस के आधार पर ही मतदाता को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र और 13 सहायक विकल्प मान्य किये गये हैं। घर घर पहुंचकर बीएलओ गणना प्रपत्र भरेंगे। इसकी दो प्रतियां होंगी। बीएलओ अपनी हस्ताक्षरित एक प्रति मतदाता को देंगे, जो अवश्य रूप से प्राप्त कर संभाल कर रखें। कोई मतदाता यदि सर्वे में गैर हाजिर पाया जाता है तो उसके सम्बंध में बीएलओ पडौसी मतदाता से पूछताछ के आधार पर अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत्यु या डुप्लीकेट श्रेणी में अपना डाटा बेस तैयार करेंगे और सूची से हटाये गये मतदाताओं के नामों की लिस्ट सरकारी भवनों के सार्वजनिक स्थलों पर लगाई जायेगी।
पहली बार फार्म-6 और फार्म-8 के साथ देना होगा शपथ पत्र
एसआईआर अभियान में मतदाताओं का पंजीकरण और शु(िकरण करने के लिए निर्वाचन आयोग ने पहली बार एक विशेष शपथ पत्र शामिल किया है। इसमें फार्म-6 नए वोट, फार्म-7 मृत्यु या डुप्लीकेट वोट और फार्म-8 बाहरी राज्य से आने वाले लोग, स्थानांतरित और संशोधन के लिए भरा जायेगा। इसमें फार्म-6 और फार्म-8 के साथ एक विशेष शपथ पत्र भी मतदाता को भरना होगा। इसमें पिता, माता और पत्नी का विवरण भी देना होगा। 01 जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं के द्वारा नए वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया जा सकता है।
पोलिंग बूथों में भी होगा बदलाव, 7 फरवरी को फाइनल होगी मतदाता सूची
मंगलवार से शुरू हो रहे एसआईआर अभियान के दौरान जनपद की सभी छह विधानसभा सीटों पर पोलिंग बूथों की स्थिति में भी बदलाव होगा। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में जनपद की छह विधानसभा में 1982 पोलिंग बूथों पर वोटिंग कराई गई थी। एसआईआर के लिए निर्वाचन आयोग ने जो नियम बनाया है, उसमें एक पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं रखे जायेंगे। मंगलवार को निर्वाचन विभाग पोलिंग बूथों का पुनरीक्षण कार्य भी प्रारम्भ कर रहा है। इसके साथ ही एसआईआर समय सारिणी के अनुसार एसआईआर की गणना 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगी। 05 से 08 दिसंबर तक प्राप्त डाटाबेस की जांच और ड्राफ्ट रोल की तैयारी होगी। 09 दिसम्बर को ड्राफ्ट रोल का प्रकाश होगा। 09 दिसंबर से 08 जनवरी तक मतदाता दावे और आपत्तियां प्रस्तुत कर सकेंगे। 09 दिसंबर से 31 जनवरी तक ईआरओ दावे और आपत्तियों का निस्तारण करने के साथ ही नोटिस जारी कर गणना प्रपत्रों पर अपना अंतिम निर्णय लेंगे। इसके पश्चात 07 फरवरी 2026 का मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कराया जायेगा।






