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मेरठ पुलिस ने उतारी मुजफ्फरनगर के प्रधान की ‘काली फिल्म’

काली थार के शीशों पर काली फिल्म और विधायक पास लगाकर घूम रहे थे चौरावाला गांव के प्रधान वीरू

मुजफ्फरनगर। मेरठ पुलिस की सख्ती एक बार फिर सुर्खियों में है। मुजफ्फरनगर के चौरावाला गांव के ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार उर्फ वीरू को मेरठ में कानून का पाठ पढ़ाते हुए पुलिस ने न केवल उनकी थार गाड़ी से काली फिल्म उतरवाई, बल्कि विधायक पास जैसा अवैध पोस्टर भी हटवाया। इस पूरी कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद प्रधान और उनके परिवार पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।

मेरठ शहर में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान पुलिस की नजर एक काली थार गाड़ी पर पड़ी। गाड़ी के शीशों पर गहरी काली फिल्म लगी हुई थी और आगे की विंडस्क्रीन पर बड़े अक्षरों में ष्विधायकष् लिखा पास चस्पा था। पूछताछ में पता चला कि यह गाड़ी मुजफ्फरनगर के चौरावाला गांव के ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार उर्फ वीरू की है। पुलिस ने जब उनसे गाड़ी के दस्तावेज और पास के बारे में पूछा, तो प्रधान जी पहले तो रौब झाड़ने लगे। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई और कानून की जानकारी दी कि विधायक पास का उपयोग आम नागरिक नहीं कर सकता तथा काली फिल्म लगाना ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है, तो प्रधान साहब का रौब उतर गया।

सूत्रों के अनुसार, मेरठ पुलिस ने मौके पर ही काली फिल्म उतरवाई और पास हटवाया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई का वीडियो भी बनाया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रधान वीरू खुद शीशों से काली फिल्म उतारते नजर आ रहे हैं और गलती पर तौबा-तौबा कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद मेरठ और मुजफ्फरनगर क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं, कोई पुलिस की कार्रवाई की सराहना कर रहा है तो कोई प्रधान के इस दिखावे पर तंज कस रहा है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून सभी के लिए समान है। चाहे कोई जनप्रतिनिधि हो या आम नागरिक, किसी को भी वाहन पर अवैध पास लगाने या काली फिल्म का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।

घटना यहीं समाप्त नहीं हुई। बताया जा रहा है कि प्रधान वीरू के भाई को भी मेरठ पुलिस ने बीच सड़क रोककर कानून का पाठ पढ़ाया। आरोप है कि वह खुद को एक मंत्री का करीबी बताकर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था। थार पर आगे के शीशे पर उत्तर प्रदेश विधानसभा से विधायक के लिए जारी पास भी चस्पा किया हुआ मिला। इसको भी पुलिस ने उतरवाया। पुलिस के अनुसार यह पास दिसम्बर 2024 तक ही वैध था, लेकिन इसको अभी तक नहीं हटाया गया था। हालांकि पुलिस ने बिना किसी दबाव में आए उसे भी समझाया कि कानून के सामने सभी समान हैं। चौरावाला ग्राम पंचायत, जो अब तक अपनी समृद्धि और विकास कार्यों के लिए जानी जाती थी, अब इस घटना के कारण चर्चा में है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की हरकतें पूरे गांव की छवि धूमिल करती हैं। मेरठ पुलिस की यह कार्रवाई एक सख्त संदेश देती है कि कानून का पालन सभी को करना चाहिए, चाहे वह ग्राम प्रधान हो या आम नागरिक।

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