दवा कारोबारियों के दावे निकले झूठे-केमिस्ट एसोसिएशन के नाम पर दोनों संस्थाएं फर्जी

एसडीएम अजय कुमार के अनुसार जब उन्होंने जांच की तो पता चला कि इस संस्था के लिए दोनों प्रबंध समितियों का पंजीकरण का मामला रजिस्ट्रार सहारनपुर के यहां लबित पड़ा हुआ है।

Update: 2020-08-27 09:44 GMT

मुजफ्फरनगर। जनपद में केमिस्टों के बीच एक संस्था पर अधिकार को लेकर चल रही वर्षों की लड़ाई में जांच अधिकारी ने अपना फैसला तय करते हुए रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। इसमें जांच अधिकारी ने संस्था को फर्जी बताते हुए दोनों ही प्रबंध समितियों के वजूद पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इसके साथ ही दोनोें संस्थाओं के पदाधिकारियों को शांति व्यवस्था के चलते शहर व जनपद में कहीं भी हार्डिंग्स आदि प्रचार साधन लगाने के लिए प्रतिबन्ध लागू किया है।

बता दें कि शहर के मौहल्ला ब्रह्मपुरी निवासी संजय कुमार गुप्ता पुत्र स्व. नरेन्द्र प्रकाश गुप्ता दवा करोबारी हैं। उन्होंने जिला मुजफ्फरनगर केमिस्ट एसोसिएशन संस्था पर अपना दावा करते हुए जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया था कि वह उक्त संस्था में जिला महामंत्री हैं और उनकी यह संस्था वर्ष 2008 से ही रजिस्ट्रार कार्यालय सहारनपुर में उनके प्रतिष्ठान मनु फार्मा के पते पर पंजीकृत हैं। संजय गुप्ता का आरोप है कि उनकी संस्था का बिजेन्द्र शर्मा आदि फर्जी तरीके से प्रयोग करते हुए अवैध धंधे चला रहे हैं। संजय गुप्ता के अनुसार उन्होंने बीते साल ही इस संस्था का अपनी प्रबंध कार्यकारिणी के अन्तर्गत नवीनीकरण कराया था। इसमें उनकी शिकायत थी कि बिजेन्द्र शर्मा आदि ने संजय गुप्ता की संस्था पर अपना अधिकार साबित करते हुए फर्जी प्रबंध समिति बनाई हुई है और संस्था के नाम से शहर में चरण सिंह मार्किट, जिला परिषद् बाजार तथा अन्य स्थानों पर होर्डिंग भी लगवाये गये हैं। जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

संजय गुप्ता ने दूसरी संस्था को फर्जी बताते हुए कार्यवाही की मांग जिलाधिकारी से की थी। इसमें जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने एसडीएम मुख्यालय अजय कुमार अम्बष्ट को जांच सौंपी थी। उन्होंने अपनी जांच पूरी करते हुए आख्या डीएम को प्रेषित कर दी है। इस जांच में एसडीएम ने जिला मुजफ्फरनगर केमिस्ट एसोसिएशन की दोनों ही प्रबंध समितियों को फर्जी बताया है। एसडीएम अजय कुमार ने अपनी जांच आख्या में कहा है कि उक्त संस्था पर दो प्रबंध समिति दावा करती हैं। इनमें संजय गुप्ता वाली प्रबंध समिति में नरेन्द्र चैधरी अध्यक्ष, श्रीमोहन तायल चेयरमैन, संजय गुप्ता महामंत्री, मुकेश सिंघल कोषाध्यक्ष, रामवीर सिंह उपाध्यक्ष, संजीव कुमार संगठन मंत्री और आदेश नेहरा मंत्री बताये गये, दूसरी प्रबंध समिति में सतपाल सिंह चेयरमैन, रविन्द्र सिंह अध्यक्ष, रविन्द्र निर्वाल उपाध्यक्ष, अनिरु( कुमार दीपक महामंत्री, हर्ष भाटिया मंत्री, योगेश मदान संगठन मंत्री और आशीष अग्रवाल कोषाध्यक्ष बताये गये हैं। संजय गुप्ता वाली संस्था में एक भाजपा नेता भी पदाधिकारी है।

एसडीएम अजय कुमार के अनुसार जब उन्होंने जांच की तो पता चला कि इस संस्था के लिए दोनों प्रबंध समितियों का पंजीकरण का मामला रजिस्ट्रार सहारनपुर के यहां लबित पड़ा हुआ है। ये दोनों ही प्रबंध समिति पंजीकृत नहीं है। इसलिए इन दोनों को ही वैध नहीं माना जा सकता है। संजय गुप्ता से अलग लोगों ने जो होर्डिंग लगवाई है। उनमें बिजेन्द्र शर्मा को भी चेयरमैन दिखाया गया है, जबकि इन होर्डिंग के लिए इनके द्वारा नगरपालिका परिषद् से कोई भी अनुमति प्राप्त नहीं की। होर्डिंग को लेकर एसडीएम ने दोनों गुटों के बीच विवाद को देखते हुए शांति भंग हाने की आशंका व्यक्त करते हुए होर्डिंग हटवाने की कार्यवाही की संस्तुति अपनी आख्या में है।

एसडीएम की इस जांच ने साफ कर दिया है कि मुजफ्फरनगर में केमिस्ट एसोसिएशन के नाम से चलायी जा रही संस्था पूरी तरह से फर्जी है। इस पर दोनों ही गुटों के दावों की पोल भी इस जांच ने खोलकर रख दी है। 

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