नगरपालिका ने बिजली विभाग से मांगे अपने 12 करोड़

मुजफ्फरनगर पालिका कार्यालय की बत्ती गुल करने के बाद पालिका प्रशासन ने बिजलीघरों पर लगाया टैक्स, 12.64 करोड़ रुपये की रिकवरी जारी।

Update: 2021-03-03 18:59 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के कार्यालय की बत्ती गुल करते हुए बकायादार ठहराने पर बिजली विभाग को अब नये संकट का सामना करना पड़ रहा है। पालिका प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में अपनी भूमि पर बनाये गये 11 बिजलीघरों पर टैक्स लगाते हुए बिजली विभाग को 12.64 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेज दिया है। इससे बिजली विभाग और पालिका प्रशासन के बीच खींचतान का दौर शुरू हो गया है। बिजली विभाग ने पालिका प्रशासन से बिजली आपूर्ति के लिए 1.36 करोड़ रुपये के बिल के भुगतान के लिए नोटिस दिया गया था, जिस पर बिजली बिल को समायोजित करते हुए शेष बकाया का भुगतान अब पालिका प्रशासन द्वारा मांगा जा रहा है।

नगरपालिका परिषद् द्वारा शहर में स्वकर निर्धारण की प्रक्रिया को अपनाते हुए फिर से व्यवसायिक और आवासीय भवनों से टैक्स वसूला जा रहा है। इसमें पालिका प्रशासन द्वारा उठाये गये एक कदम के बाद पालिका और बिजली विभाग आमने सामने आ गये हैं। बिजली विभाग द्वारा अपना बकाया वसूलने के लिए नगरपालिका परिषद् पर की गयी कार्यवाही विभाग की गले की फांस बन गयी है। अपना करीब डेढ़ करोड़ रुपया पाने के लिए अब विभाग को साढ़े बारह करोड़ रुपये चुकाने होंगे। नगरपालिका परिषद् ने शहरी क्षेत्र में बने बिजलीघरों को शासनादेश के अनुसार टैक्स के दायरे में लाकर बिजली विभाग को बकाया रकम जमा कराने के लिए नोटिस जारी किया है।

बता दें कि बिजली विभाग और पालिका प्रशासन के बीच बकाया को लेकर खींचतान चली आ रही है। बिजली विभाग की ओर से मई 2019 तक बिजली उपयोग के लिए पालिका प्रशासन को 1 करोड़ 36 लाख 85 हजार 980 रुपये का बिजली बिल भेजकर रकम जमा कराने के लिए नोटिस दिया था। इसके साथ ही बकाया जमा नहीं करने पर बिजली कनेक्शन काटने की चेतावनी भी दी। पूर्व में एक बार इसी बकाया को लेकर पालिका कार्यालय की बिजली बन्द भी कर दी गयी थी। बाद में बिजली हालांकि जोड़ दी गयी थी, लेकिन यहीं से दोनों विभाग आमने सामने आ गये थे। बिजली विभाग का नगरीय खण्ड प्रथम कार्यालय पालिका भवन में ही चल रहा है, इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में करीब 11 बिजली घर पालिका की भूमि पर स्थापित हैं। इन पर पूर्व से ही कोई टैक्स नहीं है। पालिका प्रशासन ने अब इन 11 बिजलीघरों पर टैक्स लगाने के साथ ही टाउनहाल कार्यालय का किराया तय करते हुए बिजली विभाग को रिकवरी नोटिस भेजा है। इसमें पालिका प्रशासन ने बिजली विभाग को अपनी भूमि और भवन पर अवैध कब्जादार बताते हुए बकाया जमा नहीं करने पर वैधानिक कार्यवाही कराने की चेतावनी भी दी है।

पालिका के कर अधीक्षक आरडी पोरवाल ने बताया कि मई 2019 में बिजली विभाग में 8 करोड़ 06 लाख 58 हजार 654 रुपये पालिका प्रशासन के बकाया थे। इस पर बिजली विभाग ने 1 करोड़ 36 लाख 85 हजार 980 रुपये बिजली बिल के समायोजित करते हुए पालिका प्रशासन ने अवशेष बकाया के रूप में 6 करोड़ 69 लाख 72 हजार 694 रुपये मांगे थे। इसके बाद भी बिजली विभाग ने कोई रकम पालिका में जमा नहीं कराई। उन्होंने बताया कि इसके बाद शासनादेश के अनुसार ही पालिका प्रशासन की ओर से वसूली के लिए बिजली विभाग पर माह नवम्बर 2010 तक का बकाया एरियर तैयार कराया है। इसके लिए पालिका प्रशासन ने शहरी सीमा के अन्तर्गत स्थित 11 बिजली घरों शामली रोड, मिमलाना रोड, रुड़की चुंगी, टीबी अस्पताल, चौ. चरण सिंह स्टेडियम, टाउनहाल, गांधी कालौनी, मीनाक्षी चौक, महावीर चौक, नवीन मण्डी स्थल कूकडा और भगत सिंह रोड पुरानी तहसील को टैक्स और किराये के दायरे में लाते हुए वार्षिक किराया निर्धारित किया है। इस बिजली घरों पर पालिका प्रशासन ने एक वित्तीय वर्ष के लिए 1 करोड़ 96 लाख 73 हजार 515 रुपये किराया तय किया है। इसमें 01 जनवरी 1976 से इन बिजलीघरों व कार्यालय के लिए बिजली विभाग को किरायेदार मानते हुए 2 करोड़ 80 लाख 56 हजार 549 रुपये बकाया किराये के रूप में और वित्तीय वर्ष 2016 से 2021 तक चार वर्षों के लिए टैक्स निर्धारण कर 9 करोड़ 83 लाख 67 हजार 575 रुपये बकाया राशि तय की गयी है। टीएस पोडवाल ने बताया कि बिजली विभाग पर पालिका प्रशासन का 30 नवम्बर 2020 तक कुल 12 करोड़ 64 लाख 24 हजार 124 रुपये बकाया है। इसके लिए दिसम्बर 2020 में पालिका के अधिशासी अधिकारी द्वारा विद्युत नगरीय वितरण खण्ड प्रथम टाउनहाल के अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी करते हुए बिजली बिल की धनराशि को समायोजित करते हुए अवशेष बकाया पालिका कोष में जमा कराने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक बकाया रकम जमा नहीं कराई गयी है।

इस संबंध में अधिशासी अभियंता बीके मिश्र का कहना है कि यह शासन से जुड़ा मामला है। पालिका का नोटिस मिला है। इसके लिए शासन को अवगत कराया गया है। शासन से ही इसका निस्तारण होना है। उन्होंने कहा कि बिजली का उपयोग पालिका द्वारा किया जा रहा है, इसके लिए ही बिल की बकाया रकम मांगी जा रही है।

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