दरोगाओं की पोल खुली तो पुलिस ने दी सफाई

पुलिस कप्तान अभिषेक सिंह के सामने हथियारों को हैंडल करने में विफल दरोगाओं की वीडियो वायरल होने के बाद डेमेज कंट्रोल; पुलिस ने कहा-एसएसपी का निरीक्षण रूटीन प्रक्रिया, कमी पाये जाने पर उसको दूर किया जाता है, किसी को दण्ड नहीं मिलता

Update: 2024-05-11 07:01 GMT

मुजफ्फरनगर। इन दिनों एसएसपी अभिषेक यादव थानों में पुलिस की सतर्कता, सूझबूझ और थाना क्षेत्रों में अपराधों के नियंत्रण के लिए पुलिस द्वारा हासिल की जा रही उपलब्धियों व खामियों को लेकर औचक निरीक्षण कर रहे हैं। इसी बीच एक थाने में जब एसएसपी ने दो हथियारों इंसास रायफल और एके-47 को मेज पर रखकर पुरुष और महिला दरोगाओं को उनको हैंडल करने के लिए बुलाया तो कई दरोगा इसमें विफल साबित हो गये। हथियारों की हैंडलिंग के दौरान कप्तान के सामने मशक्कत करते दरोगाओं की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुलिस की खूब फजीहत हो रही है। लोगों में भी चर्चा का बाजार गरम है। खबरों की सुर्खियां बनने के बाद इस मामले में पुलिस ने डेमेज कंट्रोल करते हुए सफाई पेश की है। मुजफ्फरनगर पुलिस का कहना है कि वार्षिक निरीक्षण रूटीन प्रक्रिया है, इसमें कमी मिलने पर उसको दूर कराया जाता है, किसी को दण्ड देने का प्रावधान नहीं है।

बता दें कि इन दिनों एसएसपी अभिषेक सिंह के द्वारा जनपद में पुलिस को सतर्क बनाने के लिए लगातार थानों का निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे अपराधियों पर लगाम के साथ ही दर्ज मुकदमों की इन्वेस्टीगेशन की स्थिति में सुधार किया जा सके। और थानों में तैनात पुलिस कर्मियों की समस्याओं को जानकर उनका निस्तारण कराया जाये। इसी दौरान गुरुवार को एसएसपी अभिषेक सिंह सिविल लाइन थाने में पहुंचे थे, जहां उन्होंने निरीक्षण के दौरान थाने में तैनात पुलिस कर्मियों से इंसास रायफल और एके-47 रायफल तथा पिस्टल जैसे हथियारों को हैंडल करने के लिए कहा था। एसएसपी ने थाना परिसर में मेज पर ये हथियार मंगाकर रखे और इसके बाद एक एक कर कई दरोगाओं को बुलाकर पहले तो हथियारों को पहचानने के लिए कहा और इसके बाद एंटी राइट इक्विपमेंट हैंडलिंग के पैमाने पर दरोगाओं को परखने का काम भी किया। लेकिन इसमें कई दरोगा हथियारों को हैंडल करने में फेल हो गए। जिससे नाराज एसएसपी ने इन सभी पुलिस कर्मियों की एक दिन की ट्रेनिंग के आदेश दिए थे ताकि ये पुलिसकर्मी हथियारों को सही तरीके से हैंडल करना सीख सकें। इसी बीच हथियारों को हैंडल करने के दौरान दरोगाओं के फेल होने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो के आधार पर ये मामला अखबारों की सुखियां बना तो लोगों में भी पुलिस कार्यप्रणाली के प्रति कई प्रकार की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था।

शुक्रवार को एसएसपी के आदेश पर सिविल लाइन थाने में सभी दरोगाओं को एंटी राइट इक्विपमेंट हैंडलिंग के तहत हथियारों को हैंडल करने यानि खोलने और फिर बंद करने का प्रशिक्षण दिलाया गया। इसी दौरान पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस की हो रही फजीहत के बीच डेमेज कंट्रोल का प्रयास किया। मुजफ्फरनगर पुलिस के मीडिया सेल की ओर से इस सम्बंध में एक प्रेस नोट जारी किया गया। जिसमें पुलिस की ओर से थाना सिविल लाइन के वार्षिक निरीक्षण के दौरान सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई एक वीडियो के सम्बन्ध में सफाई दी गई है। बताया गया कि थानों का वार्षिक निरीक्षण एक रुटीन प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य विवेचनाओं की प्रगति, विभिन्न अभिलेखों का अवलोकन, पुलिस बल की सतर्कता को जांचना होता है। इस दौरान यदि कोई कमी पायी जाती है तो वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में उन्हें ट्रैनिंग के माध्यम से दूर किया जाता है। निरीक्षण एक सतत प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य दण्डात्मक कार्यवाही किया जाना नहीं है अपितु निरीक्षण के दौरान पायी गयी कमियों को दूर करना होता है।

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